आजमगढ़:: सरकारी अभिलेखों में वर्षों से मृत दिखाए गए लालबिहारी मृतक ने 6 मई रविवार को अन्न बचाओ, भुखमरी मिटाओ का नारा देते हुए लड़ाई लड़ने के लिए निर्णय लिया। आज उनका जन्मदिवस था। बता दें कि सरकारी विभागों द्वारा भू-राजस्व अभिलेखों में हजारों से अधिक जीवित व्यक्तियों को मृत घोषित कर दिया गया था। मृतक संघ के तत्वावधान में अहिंसा पूर्वक विचारों की क्रांति,अनोखे संघर्षो से हजारों जीवित मुर्दों को पुनः जिंदा कराकर मानव अधिकारों की रक्षा, सामाजिक न्याय जनहित में किया गया है। आज भी पीड़ितों के लिये निरंतर संघर्ष जारी है। अब अन्न बचाओ, भुखमरी मिटाओ की लड़ाई लड़कर राज्य सरकारें, भारत सरकार को अन्न के प्रति जागरूक कर राष्ट्र की हानि, अन्न की बर्बादी से बचाया जा सकता है। सरकारी गोदामों, प्राइवेट गोदामों में सरकार की लापरवाही से लाखों टन अन्न को सड़ा देते हैं। पूंजीपतियों, होटल, रेस्टोरेन्ट मालिकों द्वारा ग्राहकों से मनमाने ढंग से पैसा लेकर खाना खाने से ज्यादा देकर गड्ढे, नाली, कूड़ेदान में खाना को फेंक देते है। यही भुखमरी का कारण देश मे बना हुआ है। इस सड़े अन्न को पशु भी खाने से मुंह मोड़ लेते है। खाद्य एवं रसद विभाग अन्न की सुरक्षा करने में जागरूक कब होगी। आओ राष्ट्रहित में कदम से कदम मिलाकर अन्न बचाकर भुखमरी मिटायें और राष्ट्र को खुशहाल बनाये। कृषि मजदूर किसान भाग्य विधाता के खून पसीने की कमाई का सम्मान करें।
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