आजमगढ़ :: हत्या के मुकदमे में सुनवाई करने के बाद आरोपित महिला को आजीवन कारावास व दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गयी। यह फैसला जिला एवं सत्र न्यायाधीश सैयद आफताब हुसैन रिजवी ने मंगलवार को सुनाया। मामला जहानागंज थाना क्षेत्र के नाजिरपुर सरयां गांव का है। अभियोजन कहानी के अनुसार गांव के चंद्रभूषण व उनकी पत्नी अपने घर पर अवैध शराब का धंधा करते थे। वादिनी लालमती पत्नी मोहित राजभर के दरवाजे पर 20 सितंबर 2013 की सुबह नौ बजे दो अज्ञात लोगों ने लालमती की पुत्री शशिकला से शराब पीने के लिए गिलास मांगा। तब शशिकला ने इंकार कर दिया। इससे नाराज होकर चंद्रभूषण, उसकी पत्नी किशन देवी व लड़की संध्या गाली देते हुए लालमती के घर आ गये।
किशन देवी ने मिट्टी का तेल शशिकला पर उड़ेलकर आग लगा दिया। बुरी तरह से जली हुई शशिकला को सदर अस्पताल में भर्ती कराया। जहां उसकी इलाज के दौरान मौत हो गयी। पुलिस ने जांच के बाद किशन देवी व संध्या के विरूद्ध चार्जशीट कोर्ट में भेज दिया। नाबालिग संध्या की पत्रावली किशोर न्यायालय भेज दी गयी। जिला शासकीय अधिवक्ता श्रीश कुमार चौहान ने लालमती, गुलाबी देवी, ओमप्रकाश, उपनिरीक्षक वीरेंद्र बहादुर सिंह, सत्यनरायन चौहान, डॉ.सुरेंद्र कुमार, शिवगोविन्द, एसओ प्रभात कुमार, एसआई राजदेव यादव, डॉ.अनूप कुमार सिंह को बतौर गवाह अदालत में परीक्षित कराया। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी किशन देवी को आजीवन कारावास व दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।
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