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प्रमुख सचिव ऊर्जा ने धान खरीद में कृषकों का पंजीयन प्रतिशत बढ़ाने के दिए निर्देश

आजमगढ़ 28 दिसम्बर 2017 -- प्रमुख सचिव ऊर्जा/नोडल अधिकारी आलोक कुमार प्रथम ने धान खरीद में कृषकों का पंजीयन कम पाये जाने पर निर्देश दिए कि शिविर आयोजित कर कृषकों का पंजीयन प्रतिशत बढ़ाया जाय और आॅनलाइन पंजीयन का व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाय ताकि अधिक से अधिक धान खरीद हो सकें। उन्होने कहा कि धान खरीद शासन की प्राथमिकताओं में से है और इसके प्रति किसी भी स्तर पर लापरवाही क्षम्य नही होगी। उन्होने पीसीएफ, यूपीएग्रो एवं कर्मचारी कल्याण निगम क्रय एजेन्सी को कड़े निर्देश दिए कि वे खरीद का प्रतिशत बढ़ायें और किसानों का धान सीधे उनसे खरीदा जाय। खरीद मंे किसी तरह की हिला हवाली नही होनी चाहिए। तथा कोई भी किसान क्रय केन्द्र से अपना धान वापस न ले जाने पाये।
उक्त निर्देश प्रमुख सचिव ने कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित विकास कार्यक्रमों की समीक्षा बैठक करते हुए दिए। इस अवसर पर उन्होने यह भी निर्देश दिए कि 26 जनवरी 2018 तक प्रत्येक दशा में खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत राशन कार्डो के पात्रांे की सूची का फीडिंग कर दिया जाय और सभी राशन कार्ड आधार से लिंक करने हेतु कैम्प आयोजित कर कराये जाये। उन्होने कहा कि यह कार्य बहुत ही महत्वपूर्ण है।
नोडल अधिकारी ने चकबन्दी के मामलों का निस्तारण प्राथमिकता के आधार पर करने के निर्देश देते हुए सम्बन्धित अधिकारियों से कहा कि प्रकरण के निस्तारण में लापरवाही क्षम्य नही होगी। समीक्षा के दौरान 5 वर्ष से उपर के लगभग 30 प्रतिशत प्रकरण अनिस्तारित पाये जाने पर उन्होने अप्रसन्नता व्यक्त की तथा कहा कि शासन के स्पष्ट निर्देश है कि समस्याओं का त्वरित निस्तारण किए जाये।
मनरेगा की समीक्षा के दौरान लक्ष्य के सापेक्ष कम प्रगति पाये जाने पर प्रमुख सचिव ने परियोजना निदेशक को निर्देश दिए कि शासन के रोजगारपरक योजना में धीमी प्रगति बेहद आपत्तिजनक है। उन्होने मनरेगा एवं आवास की असन्तोषजनक प्रगति पर पीडी को निर्देश दिए कि कार्य में तेजी लाये। स्वच्छ शौचालय निर्माण की प्रगति समीक्षा के दौरान प्रमुख सचिव ने डीपीआरओ को कड़ी फटकार लगाते हुए चेतावनी दी की यदि कार्य में अपेक्षित गति नही लायी गयी तो वें कार्यवाही हेतु तैयार रहें। कार्य में अपेक्षित प्रगति न होना कार्य के प्रति उदासीनता/लापरवाही सीधे-सीधे परिलक्षित होती है।
पोषण मिशन की समीक्षा के दौरान प्रमुख सचिव ने डीपीओ को निर्देश दिए कि कार्य योजना के अनुसार माहवार कुपोषित बच्चांे को पोषित करने की कार्यवाही सुनिश्चित करें। उन्होेने डीपीओ की धीमी कार्यशैली पर नाराजगी प्रकट करते हुए कहा कि कुपोषण को दूर करने हेतु 5 विभागों जैसे- स्वास्थ्य, पंचायती राज, आपूर्ति, मनरेगा तथा आईसीडीएस आपसी समन्वय बनाकर अपनी विभागीय योजनाओं से आच्छादित करते हुए पोषण की श्रेणी मंे लायें।
सिंचाई विभाग की समीक्षा के दौरान नोडल अधिकारी ने निर्देश दिए कि नहरों के टेल तक पानी पहुंचाया जाय। किसानांे का हर तरह की सुविधाएं दी जाय, उनकी आय को दोगुनी किया जाय तथा उनके उत्पादन का उचित मूल्य मिले यह शासन की मंशा है। और उसके अनुसार सभी सम्बन्धित अधिकारियों को कार्य कर किसानों का शासकीय योजनाओं से आच्छादित किया जाय। उन्होने कहा कि देश की लगभग 60 प्रतिशत जनसंख्या कृषि पर निर्भर है। प्रमुख सचिव ने गन्न मूल्य भुगतान समय से कर देने के निर्देश गन्ना अधिकारी को दिए। इस अवसर पर उन्होने यह भी कहा कि सौभाग्य योजना में 31 मार्च 2018 तक पात्र परिवारों को विद्युत कनेक्शन उपलब्ध करा दिया जाय। इसके लिए कार्ययोजना तैयार कर और कमेटी बनाकर इसे क्रियान्वित किया जाय ताकि कोई भी गरीब व्यक्ति कनेक्शन से वंचित न रहने पाये।
इस अवसर पर जिलाधिकारी चन्द्र भूषण सिंह ने प्रमुख सचिव/नोडल अधिकारी का स्वागत करते हुए उन्हे विश्वास दिलाया कि उनके निर्देशों का शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित कराया जायेगा तथा शासकीय योजनाओं से योजना का लाभ समाज के अन्तिम व्यक्ति तक पहुंचाकर उसे लाभान्वित किया जायेगा। बैठक मंे अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व बीके गुप्ता, अपर जिलाधिकारी प्रशासन लवकुश कुमार त्रिपाठी, एसपी सीटी सहित विभिन्न विभागों के सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित रहे। 

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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