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चौहरे हत्याकांड में मिली थी उम्रकैद,06 पुलिस टीम कर रही फरार मोहन पासी की तलाश

आजमगढ़ : वर्ष 2008 में पप्पू सिंह डीहा समेत चार की हुई हत्या में आजीवन कारावास का सजायाफ्ता गैंगस्टर मोहन पासी सोमवार की दोपहर को कोर्ट से फरार हो गया। वह उस दौरान लूट के एक मुकदमें में कोर्ट नंबर चौदह में पेशी के बाद वापस आ रहा था। मोहन के फरार होने की खबर से पुलिस महकमें में हड़कंप मच गया।
जहानागंज थाना क्षेत्र के समसुद्दीनपुर गांव के मूल निवासी मोहन पासी पुत्र सुरजन पासी कुख्यात अपराधी है। उसके खिलाफ दिल्ली समेत कई जिलों के थानों में हत्या, लूट समेत दर्जनों संगीन मुकदमें दर्ज हैं। 25 अप्रैल 2008 को जहानागंज थाना क्षेत्र के डीहा गांव में ही रात को निमंत्रण से वापस लौट रहे डीहा गांव निवासी अरविन्द सिंह उर्फ पप्पू, नीरज सिंह, संदीप सिंह व बिट्टू सिंह की बम व ताबड़तोड़ गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। इस चौहरे हत्याकांड में मोहन पासी मुख्य आरोपी था। चौहरे हत्याकांड में फरार चल रहे मोहन पासी को पुलिस ने दिल्ली से 2010 में गिरफ्तार किया था। वह वर्तमान में जिला कारागार इटौरा में निरुद्ध था। कोर्ट से जुलाई 2015 में चौहरे हत्याकांड में मोहन पासी समेत सात-आठ अन्य आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा हुई थी। जेल अधीक्षक अनिल कुमार गौतम का कहना है कि मोहन पासी 24 दिसंबर 2008 से जेल में बंद है। वह बीच में फैजाबाद गया था। वहां से आने के बाद उसको प्रशासनिक आधार पर 19 फरवरी 2017 को गोरखपुर कारागार भेजा गया था।
गोरखपुर से मोहन 15 अक्तूबर 2017 को न्यायालय के आदेश पर पुन: जिला कारागार आजमगढ़ आ गया था। तभी से यहां निरुद्ध था। सोमवार को मोहन की निजामाबाद थाना क्षेत्र में हुए लूट के मुकदमें में कोर्ट में पेशी थी। मोहन समेत कुल 137 बंदी सोमवार को जेल से पुलिस की अभिरक्षा में कोर्ट में पेशी पर गए थे। शाम को 136 बंदी कोर्ट से जेल में वापस आ गए। जबकि मोहन कोर्ट नंबर 14 में पेशी के बाद कोर्ट में पेश होने के बाद उसे कचहरी परिसर स्थित लाकअप के लिए लाया जा रहा था कि उसी समय उसका भाई आ गया। वह अपने भाई से बात करने लगा। ऐसे में उसके साथ चल रहे सिपाही भी लापरवाह हो गए। पुलिस कर्मियों की लापरवाही का लाभ उठाते हुए वह अचानक कचहरी परिसर से फरार हो गया। कुछ देर बाद जब पुलिस कर्मियों ने नजर डाली तो वह गायब था। ऐसे में सिपाहियों के हाथ-पांव फूल गए। आसपास उसकी बहुत खोज की गई ¨कतु वह नहीं मिला। अंत में पुलिस कर्मियों ने समूचे घटनाक्रम से उच्चाधिकारियों को अवगत कराया। मोहन के पुलिस अभिरक्षा से भागे जाने की खबर मिलते ही पुलिस महकमें में हड़कंप मच गया। खबर पाकर एसपी अजय कुमार साहनी, एसपी सिटी सुभाषचन्द गंगवार, एसपी सिटी सच्चिदानन्दशश्र  कोतवाली पहुंच गए। पुलिस अधीक्षक ने बताया फरार व्यक्ति कुख्यात अपराधी है उसकी की तलाश में पुलिस की 06 टीमें लगा दी गयीं हैं । वहीं दूसरी ओर इस मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में सिपाही रामआसरे चौहान व लाकअप प्रभारी उदय नारायण तिवारी को निलंबित कर दिया गया है। वहीँ मोहन पासी के भाई को भी उसे भगाने में सहयोग करने पर पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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