आजमगढ़: तुम्हारे गांव का मौसम गुलाबी है मगर ये आकड़़े झूठे है पर्दे के पीछे बर्बरियत और नबाबी है... प्रख्यात शायर अदम गोंडवी की यह चंद पंक्तिया नगर कोतवाली के निकट स्थित एक सोनोग्राफी सेंटर के बाहर खुले आसमान के नीचे जीवनयापन कर रहे असहायों पर बिल्कुल सटीक बैठती है। क्योंकि इन असहायों का तो जिला प्रशासन ने पुरस्साहाल लिया ही नहीं विडम्बना तब हुई जब समाजसेवी संस्थाओं के चश्मे के जद में आज तक यह असहाय नहीं आ सके। काफी दिनों से सड़क के किनारे डेरा डाले इन असहायों को देखकर नगर के गुरूटोला निवासिनी मीरा वर्मा पत्नी हरीश वर्मा ने सोमवार की रात लगभग 10 बजे पहुंचकर इन्हें मानवीयता की गर्माहट स्वरूप दर्जन भर कम्बल मुहैया कराया। अचानक मिलें इन कम्बलों को पाकर यह असहायों की आंखों में जो चमक थी वो देखने लायक रही। अचानक कम्बल मिलने पर इन जरूरतमंदों ने बताया किसी तरह हम अपना पेट भरकर अपना गुजारा कर लेते है लेकिन आने वाली ठंड को सोच कर हम सिहर उठते है कि हमारा अब क्या होगा। इस दौरान मीरा वर्मा ने कहा कि समय-समय पर हम आपके लिए आगे भी प्रयास जारी करते रहेंगे। उन्होंने आगे कहा कि बीच बाजार में इन समय के मारे को हमें ही सहारा देना होगा ताकि मानवीयता को बचाया जा सके। इस दौरान बहुत से लोगों ने इनकी पहल का स्वागत किया।
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