यह आजमगढ़ की जनता और लोकतंत्र की जीत है - हवलदार यादव
परिवारवाद और पुत्र मोह की राजनीति में मुझे बलि का बकरा बनाया - प्रमोद यादव
आजमगढ़: मुलायम सिंह यादव के संसदीय क्षेत्र में जिला पंचायत अध्यक्ष सीट पर लाए गये अविश्विास प्रस्ताव पर सभी की निगाह थी और माना जा रहा था कि सपा के पूर्व मंत्री दुर्गा प्रसाद यादव के भतीजे प्रमोद यादव भाजपा के पूर्व सांसद भाजपा के सहयोग से कुर्सी हासिल करने में सफल होंगे। मंगलवार को सुबह से ही भारी सुरक्षा व्यवस्था बीच नेहरूहाल पर गहमा गहमी रही लेकिन समय हो जाने के बाद भी कोई भी पक्ष नहीं पहुंचा। अधिकारी अभी इंतजार ही कर रहे थे कि प्रमोद यादव ने प्रेस नोट जारी कर बता दिया कि उनके साथ धोखा हुआ है। प्रेस नोट में उन्होंने रमाकांत और अपने चाचा दुर्गा प्रसाद यादव का नाम तो नहीं लिया लेकिन स्वजातीय नेताओं पर खुलकर हमला किया। फोन पर बातचीत में बताया कि परिवारवाद की राजनीति में उन्हें बलि का बकरा बना धोखा दे दिया गया । जब संख्याबल ही नहीं रहा तो नेहरूहाल जाने का क्या फायदा ।
बता दें कि यूपी में भाजपा के सत्ता में आने के बाद समाजवादी पार्टी एक के बाद एक कर तीन क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी गंवा चुकी है। माना जा रहा था कि भाजपा के बाहुबली रमाकांत यादव के सहयोग से प्रमोद यादव कुर्सी पर कब्जा जमा लेंगे। पूर्व सांसद रमाकांत भी अंतिम समय तक प्रमोद के साथ खड़े नजर आये।
रमाकांत द्वारा प्रमोद के समर्थन के पीछे सबसे बड़ी वजह थी हवलदार यादव से मनमुटाव। प्रमोद भी कहीं न कहीं अपनी जीत को लेकर आश्वस्त थे। कारण कि 46 सदस्यों के समर्थन की सूची तो उन्होंने पहले ही प्रशासन को सौंपी थी और उसके बाद किसी भी तरह की पाला बदलने की कोई खबर भी बाहर नहीं आयी थी । साथ पूर्व सांसद रमाकांत के दर्जन भर समर्थक सदस्य भी प्रमोद का समर्थन कर रहे थे। वहीं अपने और अपने पुत्र के राजनीतिक कैरियर के लिए प्रमोद को खतरा मानने वाले पूर्व मंत्री दुर्गा प्रसाद यादव अविश्वास प्रस्ताव की नोटिस के बाद से ही रमाकांत यादव को मैनेज करने में लगे थे। इसके बाद भी सोमवार तक सबकुछ प्रमोद के पक्ष में दिख रहा था।
मंगलवार को निर्धारित समय पूर्वांहन दस बजे अधिकारी नेहरूहाल पहुंच गये। 12 से दो बजे तक अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए समय दिया गया था लेकिन दोनों में से कोई पक्ष नेहरू हाल नहीं पहुंचा। अपराह्रन करीब एक बजे जब हालत का अंदाजा कर प्रमोद यादव ने प्रेस नोट जारी कर अपनी हार मान ली , उन्होंने कहा की यह स्पष्ट हो गया है की सपा और भाजपा दोनों एक हैं। प्रमोद ने जारी विज्ञप्ति में कहा कि राजनीति में वर्षो से स्थापित स्वजातीय हमारे बड़े नेताओं ने परिवारवाद व पुत्र मोह इस कदर हावी है कि वे किसी भी सामान्य परिवार के नौजवान को राजनीति में आगे बढ़ते हुए देखकर एकजुट होकर दलगत राजनीति से उपर उठकर साजिश व षडयंत्र करके भ्रूण हत्या करने पर अमादा रहते हैं, ताकि उनके पुत्रो और परिजनों स्थापित होने में कोई बाधा न हो व जनपद की राजनीति में उनके पुत्रों की चमक बनी रहे। मुझे बड़े नेताओं ने परस्पर सहमति बनाकर एक साजिश व षडयंत्र के तहत आगे करके बली का बकरा बनाया। ताकि आगामी लोकसभा का टिकट व पूरा चुनाव खर्च का इंतजाम हो जाय तथा हमारे पुत्रों के राह का काँटा भी निकल जाय। इस चुनाव में यह साफ हो गया कि सपा और भाजपा एक है। साथ ही उन्होंने जिला पंचायत अध्यक्ष मीरा यादव को सफलता के लिए बधाई भी दी। इधर अविश्वास प्रस्ताव पूरी तरह खारिज हो जाने के बाद सपाइयों के चेहरे पर प्रसन्नता की लहर नजर आयी। सपा की जिला पंचायत अध्यक्ष मीरा यादव के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव गिर जाने के बाद सपा जिलाध्यक्ष हवलदार यादव ने इसे लोकतंत्र की जीत बताते हुए सभी सभी दलों और जिला पंचायत सदस्यों को बधाई दी।
आजमगढ़: मुलायम सिंह यादव के संसदीय क्षेत्र में जिला पंचायत अध्यक्ष सीट पर लाए गये अविश्विास प्रस्ताव पर सभी की निगाह थी और माना जा रहा था कि सपा के पूर्व मंत्री दुर्गा प्रसाद यादव के भतीजे प्रमोद यादव भाजपा के पूर्व सांसद भाजपा के सहयोग से कुर्सी हासिल करने में सफल होंगे। मंगलवार को सुबह से ही भारी सुरक्षा व्यवस्था बीच नेहरूहाल पर गहमा गहमी रही लेकिन समय हो जाने के बाद भी कोई भी पक्ष नहीं पहुंचा। अधिकारी अभी इंतजार ही कर रहे थे कि प्रमोद यादव ने प्रेस नोट जारी कर बता दिया कि उनके साथ धोखा हुआ है। प्रेस नोट में उन्होंने रमाकांत और अपने चाचा दुर्गा प्रसाद यादव का नाम तो नहीं लिया लेकिन स्वजातीय नेताओं पर खुलकर हमला किया। फोन पर बातचीत में बताया कि परिवारवाद की राजनीति में उन्हें बलि का बकरा बना धोखा दे दिया गया । जब संख्याबल ही नहीं रहा तो नेहरूहाल जाने का क्या फायदा ।
बता दें कि यूपी में भाजपा के सत्ता में आने के बाद समाजवादी पार्टी एक के बाद एक कर तीन क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी गंवा चुकी है। माना जा रहा था कि भाजपा के बाहुबली रमाकांत यादव के सहयोग से प्रमोद यादव कुर्सी पर कब्जा जमा लेंगे। पूर्व सांसद रमाकांत भी अंतिम समय तक प्रमोद के साथ खड़े नजर आये।
रमाकांत द्वारा प्रमोद के समर्थन के पीछे सबसे बड़ी वजह थी हवलदार यादव से मनमुटाव। प्रमोद भी कहीं न कहीं अपनी जीत को लेकर आश्वस्त थे। कारण कि 46 सदस्यों के समर्थन की सूची तो उन्होंने पहले ही प्रशासन को सौंपी थी और उसके बाद किसी भी तरह की पाला बदलने की कोई खबर भी बाहर नहीं आयी थी । साथ पूर्व सांसद रमाकांत के दर्जन भर समर्थक सदस्य भी प्रमोद का समर्थन कर रहे थे। वहीं अपने और अपने पुत्र के राजनीतिक कैरियर के लिए प्रमोद को खतरा मानने वाले पूर्व मंत्री दुर्गा प्रसाद यादव अविश्वास प्रस्ताव की नोटिस के बाद से ही रमाकांत यादव को मैनेज करने में लगे थे। इसके बाद भी सोमवार तक सबकुछ प्रमोद के पक्ष में दिख रहा था।
मंगलवार को निर्धारित समय पूर्वांहन दस बजे अधिकारी नेहरूहाल पहुंच गये। 12 से दो बजे तक अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए समय दिया गया था लेकिन दोनों में से कोई पक्ष नेहरू हाल नहीं पहुंचा। अपराह्रन करीब एक बजे जब हालत का अंदाजा कर प्रमोद यादव ने प्रेस नोट जारी कर अपनी हार मान ली , उन्होंने कहा की यह स्पष्ट हो गया है की सपा और भाजपा दोनों एक हैं। प्रमोद ने जारी विज्ञप्ति में कहा कि राजनीति में वर्षो से स्थापित स्वजातीय हमारे बड़े नेताओं ने परिवारवाद व पुत्र मोह इस कदर हावी है कि वे किसी भी सामान्य परिवार के नौजवान को राजनीति में आगे बढ़ते हुए देखकर एकजुट होकर दलगत राजनीति से उपर उठकर साजिश व षडयंत्र करके भ्रूण हत्या करने पर अमादा रहते हैं, ताकि उनके पुत्रो और परिजनों स्थापित होने में कोई बाधा न हो व जनपद की राजनीति में उनके पुत्रों की चमक बनी रहे। मुझे बड़े नेताओं ने परस्पर सहमति बनाकर एक साजिश व षडयंत्र के तहत आगे करके बली का बकरा बनाया। ताकि आगामी लोकसभा का टिकट व पूरा चुनाव खर्च का इंतजाम हो जाय तथा हमारे पुत्रों के राह का काँटा भी निकल जाय। इस चुनाव में यह साफ हो गया कि सपा और भाजपा एक है। साथ ही उन्होंने जिला पंचायत अध्यक्ष मीरा यादव को सफलता के लिए बधाई भी दी। इधर अविश्वास प्रस्ताव पूरी तरह खारिज हो जाने के बाद सपाइयों के चेहरे पर प्रसन्नता की लहर नजर आयी। सपा की जिला पंचायत अध्यक्ष मीरा यादव के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव गिर जाने के बाद सपा जिलाध्यक्ष हवलदार यादव ने इसे लोकतंत्र की जीत बताते हुए सभी सभी दलों और जिला पंचायत सदस्यों को बधाई दी।
प्रमोद यादव की प्रेस विज्ञप्ति
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