आजमगढ़: आख़िरकार सारी गफलत को समाप्त करने का प्रयास करते हुए शहीद मेले के आयोजक और सपा नेताओं ने वीर अब्दुल हमीद के घर जा कर उनके परिजनों को सम्मानित किया , शहीद के परिवार ने भी इसपर संतोष जाहिर किया। गौरतलब है की शहीद रामसमुझ यादव के प्रतिमा अनावरण व शहीद मेले में आयोजकों ने पूर्वांचल से शहीद परिवारों को सम्मानित करने का निर्णय लिया था। इसी क्रम में गाजीपुर के शहीद वीर अब्दुल हमीद की पत्नी रसूलन बीबी या उनके परिवार की किसी सदस्य को सम्मानित करने का निर्णय लिया और इसकी सूचना रसूलन बीबी के पोते सलीम को दी गयी थी और आमन्त्रित किया गया था। समारोह में संचालन के वक्त आमंन्त्रित सम्मानित शहीद परिजनों को जब पुकारा गया तो सम्मानित होने जा रही अन्य महिलाओं के साथ भारत-चीन युद्ध के शहीद भगवती सिंह पत्नी ललिता देवी चली गयी जो मदियापार की निवासी हैं। उस समय संचालक अपने क्रम के अनुसार रसूलन बीबी जी का नाम पुकार रहा था। सपा नेताओं ने कहा कि आयोजक मण्डल द्वारा राष्ट्रीय भावना व शहीदों द्वारा किये गये बलिदान को दृष्टिगत रखते हुए आयोजन किया गया था जिसमें तमाम शहीद परिवारों को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय श्री अखिलेश यादव जी द्वारा सम्मानित किया गया। लेकिन कुछ बातों को बेवजह तूल दिया गया। इससे शहीदों के सम्मान की ,आयोजकों की मंशा को चोट पहुंची है। रविवार को आयोजक प्रमोद कुमार यादव के साथ स0पा0जिलाध्यक्ष हवलदार यादव, पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी तथा जिला पंचायत सदस्य रामप्रवेश यादव ,जीतबहादुर यादव और अन्य लोगों के साथ दुल्हपुर ,गाजीपुर रसूलन बीबी जी के आवास पर पहुंचकर उन्हें सम्मानित किया। इस दौरान उनके पौत्र जमील और सलीम को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। प्रतिनिधिमंडल ने बताया की रसूलन बीबी जी व उनके परिवार ने इसके लिए धन्यवाद दिया तथा कहा कि ये मानवीय भूलें हैं जो हो जाती हैं। जो सम्मानित हुईं वह भी शहीद की पत्नी हैं। हमें किसी तरह का कोई दुख व मलाल नहीं है।
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