आजमगढ़ 15 जुलाई 2017 -- डेंगू बुखार से बचाव के लिए आसपास सफाई रखें। घड़े, ड्रम में पानी एकत्र न होने दें। बुखार होने पर डाक्टर को दिखाये तथा उनकी सलाह से ही दवा खायें। जिलाधिकारी चन्द्रभूषण सिंह ने जनपदवासियों से यह अपील किया है। वे डेंगू से बचाव के लिए तैयारी की समीक्षा कर रहे थे। उन्होने अधिशासी अधिकारी नगर पालिका को निर्देश दिया कि नगर क्षेत्र में सफाई अभियान संचालित करें । सीएमओ डा. एसके तिवारी ने कहा कि बुखार के रोगी बिना रक्त जांच कराये दवा का इस्तेमाल न करें। एस्प्रिन/डिस्प्रिन/आईबूप्रोफेन/डिक्लोफिनैक/ऐसक्लिोफैन/ नमोस्लाइड एवं कार्टीसोन/स्टीरायड औषधियां कदापि नही लेना चाहिए। इससे रोगी की स्थिति गम्भीर हो सकती है। रक्त स्राव हो सकता है। उन्होने बताया कि डेंगू का मच्छर दिन में काटता है इसलिए दिन में भी पूरी अस्तीन की शर्ट पहने, नंगे बदन न रहें। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। डेंगू बुखार में उपचार व देखभाल घर पर की जा सकती है। डाक्टर के सलाह पर बुखार कम करने के लिए पैरासिटामाल ले सकते है। अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 वाईके राय ने बताया कि डेगूं बुखार में अत्यधिक ठंड लगने कें साथ अचानक तेज बुखार, सिर दर्द, बदन दर्द होता है। कमजोरी लगती है तथा भूख नही लगती है। कभी-कभी रोगी बेहोश भी हो जाता है तथा खून आ सकता है। उन्होने कहा कि वर्षा ऋतु में बुखार के रोगियों की संख्या बढ़ रही है। ये रोगी सामान्य वायरल, मलेरिया या डेंगू से ग्रसित हो सकते है। सामान्य वायरल 4 से 5 दिन मे ठीक हो जाता है परन्तु मलेरिया या डंेगू गम्भीर हो सकता है। जो कि मच्छर के काटने से होता है। इसलिए हमें मच्छरों से बचाव करना चाहिए। बैठक में सीडीओ अभिषेक सिंह, डा0 परवेज अख्तर, डा0 संजय, डा0 जैनेन्द्र, डा0 पूनम शुक्ला, सतीश कुमार एवं अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहें।
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