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श्रीराम कथा: जहां का वातावरण शुद्ध व हरा भरा होता है,प्रभु भी वहीं वास करते हैं -

आजमगढ़ : बाबा भवरनाथ मंदिर परिसर में चल रही संगीतमयी श्रीराम कथा व ज्ञान यज्ञ के पांचवें दिन युवा संत सर्वेश जी महाराज ने कहा कि भगवान श्रीराम राम ने धरती पर भक्त ,गाय, देवी-देवता व साधु-संतो के हित के लिए मनुष्य रूप में धरती पर अवतार लिया। श्री राम जन्मोत्सव के अवसर पर जिस प्रकार एक माह तक अयोध्या में खुशियां मनाई गई भगवान सूर्य एक मास तक अपने स्थान पर ही टिके रहे और लोगों को पता भी नहीं चला कि माह व्यतीत हो गया , ठीक उसी प्रकार कथा पंडाल में बैठे श्रोता मानो अपने आपको अवध में राम जन्मोत्सव में गोते लगाते नजर आ रहे थे।  पंडाल को विशेष प्रकार से सजाया गया था कथा मंच के बगल में ही पालने की व्यवस्था की गई थी।  जन्मोत्सव के उपरांत पालने में भगवान को बैठाया गया।  महाराज के साथियों ने बधाई गीत सोहर प्रस्तुत कर लोगों को झूमने व नाचने पर विवश कर दिया "भए प्रगट कृपाला दीन दयाला कौशल्या हितकारी" सुन भक्त सुध-बुध खो बैठे प्रेम मूर्ति संत सर्वेश जी महाराज ने कहा कि पृथ्वी से पेड़ों का दोहन बहुत तेजी से हो रहा है यह ठीक नहीं है।  विकास की दौड़ में मनुष्य तेजी से पेड़ों की कटाई कर रहा है जिससे प्रकृति को काफी नुकसान हो रहा है जहां का वातावरण शुद्ध व हरा भरा होता है प्रभु भी वहीं वास करते हैं हम सब को चाहिए कि पर्यावरण का ध्यान रखें और अधिक से अधिक पेड़ लगाएं क्योंकि पेड़ों में भी ईश्वर का वास होता है। शहरो में आजकल जल का भी दुरुपयोग मनुष्य कर रहा है जो आगे काफी गंभीर परिणाम उत्पन्न कर सकता है।  मनुष्य यह क्यों भूल रहा है कि जल है तो जीवन है बिना जल की जीवन संभव नहीं है जल का दुरुपयोग भी अशुभ माना गया है। 

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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