आजमगढ़ : बाबा भवरनाथ मंदिर प्रांगण में चल रही संगीतमयी श्री राम कथा के चौथे दिन अयोध्या से पधारे प्रेम मूर्ति युवा संत सर्वेश जी महाराज ने कहा कि माता पिता की सेवा से बढ़कर दुनिया में कोई और तीर्थ नहीं है आज जो पुत्र माता पिता की सेवा नहीं करते हैं यह सोचनीय है। माता पिता की सेवा ईश्वर की सेवा से उत्तम है पुराणों में भी इसका उल्लेख है। संगीतमयी कथा को आगे बढ़ाते हुए संत सर्वेश जी महाराज ने कहा कि राम जन्म के अनेक कारण है जिसमें से तीन कारण प्रमुख है। पहला जय और विजय को श्राप मिला और वह कुंभकरण हुए दूसरा नारद जी ने विष्णु जी को श्राप दिया, तीसरा कश्यप ऋषि की तपस्या का वरदान राम अवतार का कारण बना उन्होंने कहा कि जब-जब पृथ्वी पर अत्याचार बढ़ता है अधर्म और आसुरी शक्तियां व्याप्त हो जाती है तब-तब प्रभु का अवतार धर्म की स्थापना और असुरो के विनाश के लिए होता है उन्होंने कहा कि "गुरु बिन भवनिधि तरइ न कोई जो बिरंचि शंकर सम होई" अथार्त गुरु के बिना कोई तर नहीं सकता क्यू न उसकी बराबरी बाबा शंकर के जैसी ही क्यों न हो और गुरु के बिना जीवन अधूरा है जो अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाए वही सच्चा और श्रेष्ठ गुरु है।
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