आजमगढ़: सोमवार से अचानक बदले मौसम का रुख मंगलवार को भी तल्ख रहा कोहरे और तेज़ ठंडी हवाओं से चलने से सर्दी के तेवर और सख्त हो गए। पूरे दिन बादलों की ओट में सूर्य का लुका छिपी का खेल चलता रहा। सर्द भरी हवाओं से गलन बढ़ने से हर कोई कांपता रहा। घने कोहरे से सुबह सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा। महिलाएं और बच्चे घरों में कैद रहे। सरकारी कार्यालयों में कर्मचारी ठिठुरे पड़े रहे। छोटे बच्चे कांपते हुए स्कूल पहुंचे। दिन में दो तीन बार निकली कमजोर धुप के बाद भी सर्द हवाओं का कहर जारी रहा। जाड़े के मौसम को गया हुआ मान चुके सरकारी तन्त्र के आगे रिक्शा चालक और आटो रिक्शा चालक अलाव की तलाश में भटकते रहे। जिला अस्पताल और महिला अस्पताल में भर्ती मरीजों के तीमारदार पूरे दिन धूप खिलने के इंतजार में ठिठुर रहे थे। दोपहर में कुछ पल के लिए रह-रह कर बादलों के बीच धूप खिलने पर लोग आसमान के साफ होने की इंतजार करते रहे, मगर चटक धूप के लिए तरसते रह गए। शाम होते ही सर्दी और बढ़ जाने से हर कोई घरों में कैद हो जाने के लिए मजबूर हो गया। सुबह घने कोहरे और बर्फीली हवाओं के चलते वाहनों की रफ्तार पर ब्रेक लगा रहा।
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