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फूलपुर : कांग्रेस व सपा की अनदेखी का हिसाब अब रालोद के सहारे चुकता करेंगे अजय नरेश

आजमगढ़। पूर्व मुख्‍यमंत्री रामनरेश यादव के पुत्र कांग्रेस और सपा से दगा मिलने के बाद अब चौधरी अजीत सिंह की पार्टी राष्‍ट्रीय लोकदल में शामिल हो गए हैं। रालोद के टिकेट पर एक बार फिर से वह आजमगढ़ की फूलपुर सीट से चुनाव लड़ेगे। गौर करने वाली बात है की पिछले चुनाव में अजय नरेश ने न सिर्फ सपा की गणित बिगाड़ी थी बल्कि भाजपा के पूर्व सांसद रमाकांत यादव के मंसूबे पर भी पानी फेर दिया था। अब इनके मैदान में आने से एक बार फिर रमाकांत की प्रतिष्‍ठा दाव पर होगी। कारण कि भाजपा के टिकेट से अपने पुत्र अरुण यादव को प्रत्याशी बनाने में सफल रमाकांत यादव को अब नए समीकरण से भी पार पाना होगा । अजय नरेश यादव पूर्व मुख्‍यमंत्री व मध्‍य प्रदेश के पूर्व राज्‍यपाल स्‍व. राम नरेश यादव के छोटे पुत्र है। वर्ष 2012 के चुनाव में अजय नरेश यादव कांग्रेस के टिकट पर फूलपुर विधानसभा से चुनाव लड़़े थे। पूर्व सांसद रमाकांत यादव ने अपने भतीजे विरेंद्र यादव को भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ाया था ज‍बकि सपा से श्‍याम बहादुर यादव और बसपा से अबुल कैश मैदान में थे। इस चुनाव में श्‍याम बहादुर यादव 47172 मत पाकर विजेता रहे थे। वहीं अबुलकैश को 46307 मत मिले थे। चुनाव में अजय नरेश यादव 25078 मत के साथ तीसरे स्‍थान पर थे। रमाकांत के भतीजे विरेंद्र यादव को 23481 मत मिले थे और वे चौथे स्‍थान पर खिसक गए थे। अहम बात है कि फूलपुर को रमाकांत का गढ़ कहा जाता है। पूर्व मुख्‍यमंत्री रामनरेश भी इसी क्षेत्र के रहने वाले थे। सूत्रों की माने तो 2017 के चुनाव की घोषणा के पूर्व नवंबर माह में राम नरेश यादव लखनऊ अस्‍पताल में थे तो मुलायम सिंह यादव उनसे मिलने गए थे। उस समय मुलायम सिंह यादव ने अजय नरेश यादव को टिकट देने का वादा किया था। लेकिन पिता पुत्र के विवाद के बीच जब अखिलेश खुद राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष बने तो पिता के वचन को किनारे रखा और फिर श्‍याम बहादुर यादव को टिकट दे दिया। फिर कांग्रेस को गठबंधन में एक भी सीट आजमगढ़ में नहीं मिली है। ऐसे में अजय नरेश का राजनीतिक कैरियर खतरे में माना जा रहा था। वहीं दूसरी तरफ भाजपा ने रमाकांत को आजमगढ़ में मात्र एक टिकट दिया है। इसके बाद रमाकांत बगावत पर उतर आये थे लेकिन बाद में मान गए। फूलपुर सीट पर रमाकांत की दावेदारी सबसे मजबूत मानी जाती थी लेकिन अब इस सीट से रालोद के टिकट पर अजय नरेश यादव मैदान में उतर गए है। इससे रमाकांत की परेशानी बढ़नी तय है। कारण कि राम नरेश की छबि और उनके निधन के बाद सहानभूमि अजय नरेश को मिलनी तय है। सपा और रमाकांत के लिए यह सीट अब प्रतिष्‍ठा का प्रश्‍न बन गई है।  

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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