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रंग महोत्सव: दिनेश लाल यादव 'निरहुआ ' की मौजूदगी ने बांधा समा



आजमगढ़। आतंकवाद व संप्रादायिकता के विरूद्ध एक रंग आंदोलन जो कि विगत 15 वर्षों से रंग महोत्सव के रूप में राष्ट्रीय साहित्य कला संस्थान के नेतृत्व में होता आ रहा है जो इस बार हरबंशपुर स्थित एक स्कूल में हो रहा है। जिसका चौथा दिन लोक गायक स्व0 कुमार यादव कोे समर्पित रहा। रंग महोत्सव में पुस्तक मेले में लोगों की भीड़ बनी रही तो दूसरी ओर चित्र प्रदर्शनी और शिल्प प्रदर्शनी को लोगों ने खुब सराहा। इसे देखने तमाम विद्यालयों के बच्चे आ रहे है। आज के कार्यक्रम का उदघाटन दीप प्रज्जवलित कर व सरस्वती प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर किया गया । दीप प्रज्जवलन के दौरान संस्था संरक्षक राजेन्द्र प्रसाद यादव , संयोजन अध्यक्ष सिद्धार्थ सिंह, अवधराज यादव, राजेन्द्र अग्रवाल, अशोक श्रीवास्तव, रमाकान्त वर्मा, मनोज बरनवाल, विजय लक्ष्मी मिश्रा, ज्योति प्रसाद श्रीवास्तव, नीलिमा श्रीवास्तव,आदि सम्मलित रहे।अथितियों का स्वागत समाज सेवी अभिषेक जायसवाल ने किया। चौथे दिन प्रसिद्ध भोजपुरी सम्राट फिल्म अभिनेता दिनेश लाल यादव 'निरहुवा' व प्रसिद्ध भोजपुरी  अभिनेत्री आम्रपाली ही छाये रहे। जिन्हे देखने के लिए दोपहर से ही लोगों का जमावड़ा कार्यक्रम स्थल के आसपास लगने लगा था। दिनेश और आम्रपाली ने अपनी कुछ प्रस्तुतियाँ दर्शकों के सामने रखी व तमाम अयोजकों समेत संतोष कुमार श्रीवास्तव को धन्यवाद ज्ञापित किया कि उनके इस आयोजन में जहाँ कलाकारों का जमघट लगा हुआ है वहीँ तमाम प्रदेशों की टीमें उपस्थित हैं।  कहा गया की इस आयोजन में उन्हें भी  बुला इन कलाकारों से रूबरू होने का मौका मिला। साथ ही साथ राष्ट्रीय पुस्तक मेला , चित्र प्रदर्शनी व शिल्प प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। आयोजक रंग महोत्सव संतोष श्रीवास्तव ने बताया कि अब तक कुल 8 प्रदेशों से कुल 28 टीमें आ चुकी हैं व साथ ही साथ मुम्बई से तकरीबन 17 बड़ी फिल्मी हस्तियाँ इस रंग महोत्सव में हिस्सा लेने आ चुकी है। जिनमें मुम्बई, दिल्ली से दो टीमें, उडीसा से दो टीमें, असम से दो, झारखण्ड, गोण्डा, मुंगेर, बिहार से दो टीमें, बरेली, धनबाद, बलिया, अयोध्या, गाजियाबाद, गोरखपुर, मिजार्पुर, जौनपुर, फूलपुर आदि उपस्थित है। फिल्मी हस्तियों में दिनेश लाल यादव निरहुआ, अभिनेत्री  आम्रपाली, मनोज सिंह टाइगर, विलेन अवधेश मिश्रा, अभिनेत्रीरोजा उसमानी, अभिनेत्री शनी सिंह, गायक प्रकाश सिंह, साहिल आदि प्रमुख है। आयोजन के चौथे दिन अलग अलग विधाओं के लगभग  38 नृत्य प्रस्तुतियाँ व 6 नाटकों का मंचन हुआ। जिनमें असम का बीहु, उडीसा के प्रिया डांस एकेडमी उडीसी लोक नृत्य , झारखण्ड से शारदा नाट्य मंच का समुह नृत्य, मिजार्पुर डांस एकेडमी से समुह नृत्य, झारखण्ड और फरूखाबाद से एकल नृत्य की प्रस्तुतियाँ मुख्य रही। नाटको में अमूल सागर नाट्य मंच ने पापा मेरे पापा का मंचन किया जिसके लेखक अमूल सागर और निर्देशक ब्लैक पॉल है। इस कहानी में पिता और पुत्र के महत्वपूर्ण संबंधों को दशार्या गया कैसे एक पिता एक छत के समान अपने बच्चों की रक्षा करता है। ये नाटक इसे दर्शा गया। फाइफ इलिमेन्ट्स दिल्ली ने रासो मोन का मंचन किया। तो मुम्बई से आये मनोज सिंह टाइगर द्वारा निर्देशित नाटक राम सजीवन ने दर्शकों का मन मोह लिया। कार्यक्रम का संचालन राघवेन्द्र मिश्रा व शरद गुप्ता ने सम्मिलित रूप से किया। संस्था संरक्षक राजेन्द्र प्रसाद यादव ने कहा कि जिस तरह से यहाँ दर्शको की भीड़ इस आयोजन में आ रही है व इस आयोजन को पसंद कर रही है इसे देखते हुए हम संतोष श्रीवास्तव से चाहेंगे कि यह रंग महोत्सव हमारे विद्यालय के प्रांगण में आयोजित किया जाए। 


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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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