रशीदगंज-आजमगढ़। जनपद मुख्यालय से 5 किलो मीटर दूर शिवली गांव में कदीम जुलूस अमारी सकुशल सम्पन्न हुई। नवासे रसूल की याद में अलम, दुलदुल और ऊँट बरामद हुआ। जिसे देखकर लोगो की आंखे अश्कबार हो गयी । कार्यक्रम में इलाहाबाद, लखनऊ, गाजीपुर, बलिया, गोरखपुर, फैजाबाद, अकबरपुर सिरसी मुरादाबाद आदि जिलो से भारी संख्या में लोग उपस्थित हुऐ। जुलूस सुबह 5 बजे शिवली जामा मस्जिद से निकाला गया जिसमे मौलाना हसन अब्बास साहब ने अपने खेताब में कहा कि हजरत मोहम्मद मुस्तफा के दीन को बहत्तर साथियो की कुर्बानी देकर इमाम हुसैन ने इस्लाम को अमर कर दिया। हुसैन इब्ने अली ने यजीद से कहा की मुझे हिन्दुस्तान जाने दो इमाम हुसैन जानते थे की अम्न के देश मे मुझे पनाह मिलेगी। यजीद ने हुसैन के साथियो को कत्ल करके उनकी औरतो को कैद कर लिया ।जब यजीद पर दबाव पडने लगा तो उसने हुसैन के घराने के लोगो को रिहा करने का हुक्म दिया। एक साल रिहाई के बाद अपने वतन मदीना वापस आये उसी लुटे हुऐ काफिले की याद में ये जुलूस निकाला जा रहा है। कार्यक्रम में मुख्य रुप से खयामे हुसैनी का मंजर दिखाया गया। कार्यक्रम में अंजुमन गुनचऐ इस्लाम मुरादाबाद, अंजुमन मश्के सकीना बम्बइ, अंजुमन सज्जादिया जलालपुर, अंजुमन अंसारे हुसैनी मुबाराकपुर, अंजुमन सज्जादिया घोसी, अंजुमन सिपाहे, मेंहदी अंजुमन अलमदारे हुसैनी आदि ने नौह मातम किया। कार्यक्रम 5 बजे शाम सैय्यद गफूर मरहुम के इमाम बारगाह मे समाप्त हुआ। कार्यक्रम के बानी सैय्यद हसन अब्बास, जफर अब्बास, कमर अब्बास फजल अब्बास, कैसर अब्बास, अनवर अब्बास, जुलफेकार हैदर आदि लोगो ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता शमीम हैदर प्रधान संचालन फजल अब्बास ने किया।
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