आजमगढ़. : नोटबंदी से प्रदेश में सपा, बसपा और कांग्रेस परेशान है, सपा, बसपा ने प्रदेश के गरीब, दलितो, शोषितो को लुटने का काम किया । अब भाजपा ही इससे मुक्ति दिला सकती है। परिर्वतन की लहर चल रही है। प्रदेश की जनता परिर्वतन चाहती है। केन्द्र की भाजपा सरकार और प्रधानमंत्री मोदी ने बहुत कम समय में देश की तरक्की के लिए अनेक योजनाओं की शुरूआत की है। इन योजनाओं में उत्तर प्रदेश की सरकार रोड़ा साबित हुई है। अति पिछडे वोटरो को लुभाने के लिए पहुचे भाजपा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष केशव मौर्या ने शुक्रवार को राष्टीय महान गणतंन्त्र पार्टी द्धारा आयोजित सम्मेलन को सम्बोधन के दौरान ये बाते कही। आजमगढ के अतरौलिया विधानसभा के पटेल इटर कालेज के मैदान में राष्ट्रीय महान गणतन्त्र पार्टी की तरफ से आयोजित पिछड़ा वर्ग निषाद महासम्मेलन को सम्बोधित करते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्या ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 2003 से 2017 तक सपा और बसपा ने जनता की गाढ़ी कमाई का जमकर लूटा और उनका शोषण भी किया। अब प्रदेश की जनता इनके क्रिया कलापो से पूरी तरह उब चुकी है और उत्तर प्रदेश में परिर्वतन चाहती है। केन्द्र की नीतियों को देखकर जनता प्रदेश में भाजपा को एक बेहतर विकल्प के रूप में देख रही है। उन्होने नोटबंदी के फैसले पर देश के प्रधानमत्री नरेन्द्र मोदी की तारीफ की और कहा कि भ्रष्टाचार और कालेधन को समाप्त करने का इससे बेहतर और कोई रास्ता नही था। जनता को तकलीफ हो रही है। लेकिन बीमारी को जड़ से समाप्त करने के लिए कुछ कडवी दवा का उपयोग करना पड़ता है। इससे जनता कम परेशान है। उत्तर प्रदेश में सपा, बसपा देश में कांग्रेस और पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी को ज्यादा तकलीफें हो रही है। क्योकि इन लोगों ने गलत तरीके से अकूत सम्पत्ति इकठ्ठा कर ली है। मायावती ने तो दलितो, पिछड़ो का वोट बेच कर इकठ्ठा हुए दौलत को अपने हाथी को खिलाने का काम किया अन्त में उन्होने उपस्थित लोगों से आह्वाहन किया कि 2014 में आजमगढ के लोगों ने कमल तो नही खिलने दिया लेकिन 2017 के चुनाव में पूरे जिले में कमल को खिला कर लखनऊ पहुंचाना है और साइकिल को तोड़कर इटावा और सैफई भेज देना है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने सीएम अखिलेश की योजनाओं पर हमलावर होते हुए कहा कि अखिलेश धोखेबाज सीएम हैं। कहा अखिलेश 2017 के चुनाव में जाने वाले है उसकी डर से चुनाव के पहले एस्सप्रेस वे जैसे योजनाओं का शुभारंभ कर रहे हैं। पर जनता सब जानती है क्यूंकि पिछले चार साल से अधिक का हिसाब चार महीने में पूरा नहीं किया जा सकता।
Blogger Comment
Facebook Comment