आजमगढ़ : प्रतिबंद्धित संगठन सिमी के पूर्व अध्यक्ष डॉ शाहिद बद्र फलाही ने भोपाल मुड़भेड कांड पूरी तरह फर्जी बताया और मांग की कि इसकी उच्च स्तरीय जाच होनी चाहिए। उन्होंने कहा की 27 सितम्बर 2001 में स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ़ इंडिया सिमी पर प्रतिबन्ध लगा तब वह ही इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। इसके बाद से संगठन का अस्तित्व नहीं है। अभी जो मारे गए हैं वह उस समय सिमी के क्या मेंबर थे यह तो रिकार्ड से पता चलेगा। उनका सवाल था की अगर ये इतने खतरनाक आतंकी थे तो उन्हें एक साथ एक बैरक में कैसे रखा गया। आशंका जाहिर की कि देश की अति सुरक्षित जेल के कई तालो को एक रात में कोई खोल पायेगा या तोड़ पायेगा यह नामुमकिन है। उसपर इतनी ऊँची दीवार कैसे फांद कर वह लोग भाग गए। पूर्व सिमी के आख़िरी अध्यक्ष रहे शाहिद आरोप लगाया कि रात में ही कैदियों को जंगल ले जाकर मुठभेड़ में मार दिया गया। यह कुछ ऐसी ही फर्जी मुठभेड़ है जैसे इशरत जहाँ और बटला एनकाउंटर थी। वहीं तेलंगाना में पेशी पर ले जाते समय भागने की बात कह कर हथकड़ी लगे मुसलमानों को मार दिया गया। भोपाल मुठभेड़ में सभी जेल अधिकारियों को निलंबित कर गिरफ्तार कर कड़ी पूछताछ हो। उन्होंने आश्चर्य व्यक्त किया कि विचाराधीन मुलजिमों को मारा जा रहा है यह देश कहाँ जा रहा है।
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