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बैंक में पैसा खत्म,ग्राहक हुए आक्रोशित किया प्रर्दशन , डीएम से जांच की मांग




लगाया कमीशन लेने का आरोप,डीएम से जांच की मांग
आजमगढ/शाहगढ़/मुबारकपुर।   बैंको के चक्कर लगा रहे परेशान उपभोक्ताओं आरोप लगाना  है की मुबारकपुर नगर में बैंक कर्मियों व दलालों की मिली भगत से कालाधन सफेद करने का गोरख धंधा बेरोक टोक जारी है। एक और आम आदमी नकदी की समस्या से जूझ रहा है और कतार में घण्टों लगने के बाद जब बारी आती है तो बैंक कर्मी यह कह कर लौटा देते हैं कि कैश खत्म हो गया है। मुबारकपुर नगर में यूनियन बैंक आफ इण्डिया सहित लगभग आधा दर्जन अन्य बैंक सेवारत हैं। यहां नगर सहित आस पास के ग्रामीण अंचलों से आम आदमी ने बैंकिंग सुविधा के लिए अपने अपने खाते खोल रखे हैं। बता दें कि नोटबन्दी के फरमान से लगातार बैंकों में लम्बी लम्बी कतारें सुबह से शाम तक देखी जा रही है। यह कतार 22वें दिन भी छोटी होने का नाम नहीं ले रही है। आम जन मानस में चचार्ओं का बाजार गर्म है कि मुबारकपुर में धन कुबेरों के पास कालाधन सफेद करने का गोरखधंधा बैंकों में देर रात तक चल रहा है । वहीं यह भी चर्चा सुनने को मिल रही है 20 प्रतिशत से लेकर 30 प्रतिशत कमीशन के एवज में बड़े लोग अपना कालाधन बड़ी ही आसानी से सफेद कर ले रहे है। इस संबंध में सालेहा साईबर कैफे इंचार्ज तहजीब अनवर अंसारी, इस्माई इश्हाक अंसारी, नबी सरवर, प्यारे लाल, छन्नु , रामकरन, सीभारत आदि ने बताया कि मेहनत का रुपया बदलने को आम आदमी दर दर की ठोकर खा रहा है। वहीं पूंजीपति कमीशन के बल पर बिना कतार में लगे ही लाखों लाख पूराने नोट नये नोट में बदलवा रहा है। आज कीघटना है कि मुबारकपुर यूबीआई में विगत एक सप्ताह से लगातार कतार में लग रही एक महिला हर दिन मायूस और खाली हाथ वापस अपने गांव बम्हौर लौट जाती थी। प्रतिदिन की तरह आज भी वह कतार में लगी थी कि इसी दौरान उसके पिता के निधन की सूचना उसे जैसे ही मिलती है वह रोते-बिलखते कतार से निकल कर लौट गयी । यही हाल नगर के अन्य बैंकों का भी है। दिलचस्प बात यह है कि नगर से पूरब पांच किलो मीटर की दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत इब्राहीमपुर में काशी गोमती संयुक्त क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक में लगातार शाखा प्रबन्धक नोटिस लगा कर गायब रहते हैं कि अभी बैंक में नकदी नहीं है। इस संबंध में एसबीआई शाखा प्रबन्धक ओपी तिवारी ने बताया कि आज बैंक में धन नहीं आया है इस लिए नकदी न होने की सूचना बोर्ड पर लगा दी गयी है। यही रटा रटाया बयान अन्य शाखा प्रबन्धकों का भी है। वही देर शाम को रैदोपुर स्थित एसबीआई बैंक पर सैकड़ो ग्राहक लाइन में लगे हुए थे कि उनका नम्बर आया तो पता चला की अब पैसा नही है। यह बात सुन कर ग्राहक आक्रोशित हो गये और जमकर प्रर्दशन करने लगे। आरोप लगाया कि बैंक कर्मी कमीशन लेकर पैसा बदल रहे है। जरूरत मंदो को पैसा नही दिया जा रहा है जो कमीशन दे रहा है उसे भुगतान कर रहे है। छात्रनेता विनीत सिह ने आरोप लगाते हुए पूरे मामले की जांच और कारवाही करने की मांग जिला प्रशासन से की है । वही जहानागंज कुंजी निवासी धनमानी देवी ने कहा कि साहब पीछले तीन से आवत है लेकिन पैसा मिल नही रहा है बेटी बिमार है।कहा से पैसा आयेगा अपना पैसा लेने में भारी दिक्कत हो रही है। मुबाकरपुर प्रतिनिधि के अनुसार: केन्द्र की सरकार के अचानक 500 व 1000 रुपये के नोट बन्द करने से सबसे ज्यादा नुकसान गरीब बुनकर ,किसान ,ब्यापारी व मजदूर वर्ग के लोगों को उठाना पड़ रहा है। जहां गरीब लोगों के सामने रोजमर्रा की जरुरत की चीजों के लिए नकदी की भयांकर समस्या आ खड़ी हुई है, वहीं दिहाड़ी मजदूरों को काम मिलने में भी दिक्कत आ रही है। जिस वजह से इन लोगों के लिए भूखे मरने की नौबत आने लगी है। केन्द्र सरकार को इन लोगों की ओर गंभीरता से सोचने की आवश्यकता है। उक्त बाते मुबारकपुर क्षेत्र के बुनकर नेता व सपा नेता मो दानिश उर्फ डीके बुधवार की शाम अपने मोहल्ला कटरा आवास पर एक बैठक के दौरान ब्यक्त किया। उन्होंने कहाकि आज नोट बन्दी के कारण बुनकरों व किसानों के सामने भुखमरी की नोबत आगई है उसके बावजूद न तो केंद्र की सरकार न ही नगर में बैंकों के अधिकारी कर्मचारी को कोई फर्क नहीं पड़ा उन्होंने कहाकि मात्र गरीबों कमजोरों को मुबारकपुर यूनियन बैंक पैन कार्ड मांग कर परेसान किया जारहा है। डीके ने चेतावनी दी कई अगर बैंक अपने बर्ताव में जल्द परिवर्तन नहीं लाया छोटे लोगों को परेशान करना बंद नहीं किया तो आंदोलन तय है। प्रचलित नोटों पर अचानक रोक लगाने के कारण किसान रबी की बुवाई के वक्त खाद, बीज, कीटनाशक जैसी अपरिहार्य वस्तुओं की खरीद नहीं कर पा रहा है। किसान घण्टों सहकारी समितियों एवं दुकानों के बाहर लाइन लगाकर खड़े रहने के बावजूद चार बोरी खाद व बीज खरीद नहीं पा रहा क्योंकि उसके पास नई मुद्रा उपलब्ध नहीं है। जनता तक नई नोट पहुंचाने में केन्द्र सरकार बुरी तरह असफल हो चुकी है। मांग की गयी की सभी सहकारी बैंकों सहकारी समितियों एवं उन सभी संस्थाओं को पुराने नोटों को लेने का स्पष्ट निर्देश दें जहां से किसान बीज, खाद कीटनाशक एवं कृषि यंत्रों की खरीद करता है।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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