शिक्षक व छात्रों के बीच नेत्र सम्पर्क होना चाहिए- एमके झा सगडी/आजमगढ़। वेदांता इंटरनेशनल स्कूल बगहीडाँड़ बनकट में मंगलवार को शिक्षण संबंधी कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमे एमके झा, एस जैन, एसके शर्मा जैसे विशेषज्ञों ने शिक्षण एवं अधिगम प्रक्रिया पर विस्तार से बताया। इसके अतिरिक्त शिक्षण विषय योजनां शिक्षण प्रक्रिया को रुचिकर बनाने, जीवन सम्बन्धी कौशल, विद्यालय व बच्चों के हित में प्रधानाचार्या, कक्षा अध्यापक एवं विषय अध्यापक की भूमिका , कमजोर बच्चों को सुधारने हेतु आधुनिक शिक्षण प्रक्रिया, कक्षा संबंधी कार्य योजना के बारे में वेदांता इंटरनेशनल स्कूल के समस्त अध्यापकगण को संबोधित किया। श्री एम के झा ने कहा कि अध्यापन एक कला है। अध्यापक और विद्यार्थियों के बीच आई कांटेक्ट नेत्र सम्पर्क होना चाहिए। कमजोर बच्चों को स्पून फीडिंग मेथड से शिक्षा देनी चाहिए। कक्षा में बच्चों को उनकी योग्यता अनुसार विभिन्न श्रेणियों में बाँट लेना चाहिए। तथा उनका मनोबल बढ़ाने हेतु त्वरित प्रशंसा करनी चाहिए। श्री दास ने कहा कि अध्यापन में पाठ योजना का महत्व होता है। शिक्षकों को टीचर्स डायरी में सारे वितरण सावधानी पूर्वक आलेखित करनी चाहिए। शिक्षक को अपने विषय का पूर्ण ज्ञान होना चाहिए तथा पूरी तैयारी के साथ बच्चों के समक्ष उपस्थित होना चाहिए। एस के जैन द्वारा सीबीएसई के सीसीई पद्धति पर प्रभावशाली व्याख्यान दिया गया। उन्होंने सीसीई से सम्बंधित रचनात्मक मूल्यांकन एवं संकलित मूल्यांकन पर भी शिक्षकों का ध्यान आकृष्ट किया। अध्यापक एवं बच्चों के बीच वात्सल्य प्रेम से युक्त सम्बन्ध होना चाहिए। श्री जैन ने कहा कि कक्षा अध्यापक को निरंतर अपने बच्चों के अभिभावक गण के संपर्क में होना चाहिए। इस अवसर पर प्रधानाचार्या अंजना श्रीवास्तवा, अरविन्द सिंह, शिक्षकगण में निकिता सिंह, अहिनाव सिन्हा, विनीत उपाध्याय, अनुराग दत्त दूबे, रीमा राय, स्वाति सिंह, पूजा सिंह , नम्रता पाण्डेय आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम के अंत में संस्था के डायरेक्टर शिव गोविन्द सिंह ने आये हुए आगंतुकों का आभार व्यक्त किया एवं धन्यवाद दिया।
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