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आज भी विश्वास का प्रतीक है भारतीय जीवन बीमा कम्पनी- जिलाधिकारी


आज़मगढ़: 01 सितम्बर 2016 -- जिलाधिकारी सुहास एलवाई द्वारा आज भारतीय जीवन बीमा कार्यालय में 60 वर्ष पूर्ण होन पर आयोजित हीरक जयंती कार्यक्रम का दीप प्रज्जवलित कर शुभारम्भ किया। इस अवसर पर उन्होेने कहा कि भारतीय जीवन बीमा विश्वास का प्रतीक है। विश्वास के कारण भारतीय जीवन बीमा कम्पनी आज भी लोगों के दिलों दिमाग में है जिसके कारण इस कम्पनी की रेपुटेशन आज भी पहले की तरह बनी है जो काबिले तारीफ है। आज बहुत कम लोग ऐसे है जिनकी एलआईसी नही हुई है। उन्होने कहा कि एलआईसी की विश्वसनीयता लोगों में है, जिसकी एक मात्र कारण कर्मचारियों में एकता है। कर्मचारियों में एकता के कारण एलआईसी की पहचान घरों-घरों में आज भी है। जिलाधिकारी ने बताया कि जिस प्रकार से शासन कानून की व्यवस्था के लिए जिम्मेदार है उसी तरीके से भारतीय जीवन बीमा देश की अर्थ व्यवस्था को मदद करने में तत्पर है। एलआईसी के मुख्य प्रबन्धक वाई0के0 जैन ने बताया कि 01 सितम्बर 1956 में संस्था शुरू हुई। भारत सरकार ने 247 निजी बीमा कम्पनियांे को भंग करके भारतीय जीवन बीमा की स्थापना की, जिसमें भारत सरकार ने रू0 5 करोड़ का निवेश किया था। उन्होने बताया कि अगली पंच वर्षीय योजना में 1957 से 1961 के मध्य भारतीय जीवन बीमा निगम ने भारत सरकार को रू0 164 करोड़ का योगदान दिया जो वर्तमान पंचवर्षीय योजना 2012 से 2017 में बढ़ कर रू0 10 लाख 86 हजार 720 करोड़ हो गया है। उन्होने कहा कि एलआईसी का उद्देश्य है कि विभिन्न योजानाओं के माध्यम से जनता का धन जनता के लिए है। जो भी धनराशि भारतीय जीवन बीमा के पास एकत्र होती है। उसमें 5 प्रतिशत धनराशि भारत सरकार को तथा शेष धनराशि जनता के लिए बोनस के रूप मंे वितरित किया जाता है। इस अवसर पर एलआईसी की प्रबन्धक राजकुमारी सिंह, सहायक शाखा प्रबन्धक सुनील अग्निहोत्री, आर.जे.राम, विकास अधिकारी के.के.श्रीवास्तव, अधिकारी मुकेश यादव, अजय यादव, अभिकर्ता शम्भू सिंह, लक्ष्मण सिंह, तपेश्वर तिवारी, कर्मचारी रामजी सिंह, एसपी यादव, शेषनाथ राय आदि उपस्थित थें।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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