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कामधेनु डेयरी योजना ने बदल सकती है जनपद की तस्वीर

आज़मगढ़ 02 सितम्बर 2016 -- प्रदेश सरकार द्वारा लागू की गयी कामधेनु डेयरी योजना अगर लोग अपना ले तो वास्तव में जनपद की दुग्ध उत्पादन में तस्वीर बदल सकती है। इस योजना में ख़ास बात यह है की लोन तो उद्यमी लेगा पर ब्याज सरकार भरेगी। इस योजना पर प्रकाश डालते हुए मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा0 वीके सिंह ने बताया कि मिनी कामधेनु डेयरी योजना मा0 मुख्यमंत्री जी की एक महत्वाकांक्षी योजना है जिसकी कुल लागत रू 52.35 लाख है। योजनान्तर्गत कुल 50 दुधारू पशुओं का क्रय किया जाना है लाभार्थी अंश रू0 13.09 लाख एवं बैंक ऋण रू0 39.26 है। इस योजनान्तर्गत लाभार्थी के पास एक एकड़ जमीन होना आवश्यक है। बैंक ऋण पर 12 प्रतिशत की दर से देय ब्याज 5 वर्ष तक शासन स्तर से इस शर्त के साथ दिया जायेगा कि लाभार्थी नियमित रूप से मूलधन एवं ब्याज बैंक में जमा करेगा और ब्याज की प्रतिपूर्ति शाखा प्रबन्धक के प्रमाण पत्र के अधार पर किया जायेगा। नियमित रूप से मूलधन एवं ब्याज अदा न करने एवं 8 माह के अन्दर इकाई में 50 पशुओं की संख्या पूर्ण न होने पर ब्याज की राशि देय नही होगी। पशुओं का क्रय राज्य के बाहर से किया जायेगा लाभार्थी को यह विकल्प होगा कि यूनिट में एक ही नस्ल की 50 गाय अथवा 25 गाय एवं 25 भैंस रख सकता है। एक इकाई में समर्सेबुल पम्प, मिल्किंग मशीन, पावर चलित चारा मशीन एवं शेड का निर्माण मानक के अनुरूप कराया जाना अनिवार्य होगा। अभ्यर्थी का चयन, चयन समिति के माध्यम से किया जायेगा। कामधेनु

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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