जनपद बलिया के लगभग 65 अधिकारियों को प्रशिक्षण, जिज्ञासाओं को दूर किया गया आज़मगढ़ 28 सितम्बर -- राज्य सूचना आयुक्त पारसनाथ गुप्ता की अध्यक्षता में मण्डलायुक्त कार्यालय के सभागार में मण्डल स्तर पर आयोजित जन सूचना अधिकारियों एवं प्रथम अपीलीय प्राधिकारियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत दूसरे दिन बुद्धवार को जनपद बलिया के 65 अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया। प्रशिक्षण के दौरान अधिकारियों की जिज्ञासाओं को भी दूर किया गया। राज्य सूचना आयुक्त श्री गुप्ता ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा वर्ष 2005 में जन सूचना का अधिकार अधिनियम प्रभावी हुआ। उन्होने कहा कि इस अधिनियम की धुरी जन सूचना अधिकारी होते हैं। उन्होने यह भी कहा कि यद्यपि कि इस अधिनियम के तहत मांगी गयी सूचना को समयवद्ध रूप से उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी जन सूचना अधिकारी की होती है, परन्तु समयवद्ध रूप से पूरी सूचना उपलब्ध न कराने पर उनकी संस्तुति के आधार पर प्रथम अपीलीय प्राधिकारी को जिम्मेदार मानते हुए दण्डित किये जाने का भी प्राविधान है। श्री गुप्ता ने कहा कि इस अधिनियम के प्रभावी होने के बाद इसके संचालन हेतु नियमावली नहीं बनाई गयी थी। शासनादेशों के आधार पर इसका संचालन होता था जिससे इसका सफल क्रियान्वयन में प्रायः संशय और असमंजस की स्थिति बनी रहती थी, जिसके कारण बड़ी संख्या में प्रकरण लम्बित रहते थे। परन्तु वर्ष 2015 में उप्र सूचना का अधिकार नियमावली बन जाने के बाद पूरे प्रदेश में इस अधिनियम के क्रियान्वयन में जहाॅं एकरूपता आई हैं वहीं प्रक्रिया में सरलता भी आई है। राज्य सूचना आयुक्त श्री गुप्ता ने उपस्थित अधिकारियों से कहा कि उप्र सूचना का अधिकार नियमावली-2015 का भलीभांति अध्ययन कर लें तथा आवेदक द्वारा जिन बिन्दुओं पर सूचना मांगी जाय यदि वे इस अधिनियम की परिधि में है तो निर्धारित अवधि में अवश्य उपलब्ध कराई जाय। उन्होने यह भी निर्देश दिया कि सूचना आयोग में जो भी सूचना मांगी जाय उसका पूरा विवरण उपलब्ध कराय जाय ताकि प्रकरण को उसी दिन निस्तारित किया जा सके। उन्होने प्रशिक्षण कार्यक्रम के उददेश्यों के सम्बन्ध में कहा कि प्रशिक्षण के माध्यम से इस कार्यक्रम को प्रभावी और सुव्यवस्थित ढंग से संचालित करने हेतु प्रदेश के प्रत्येक मण्डल मुख्यालय पर यह कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। मण्डल के अन्तर्गत आने वाले प्रत्येक जनपद के लिए एक-एक दिन निर्धारित कर जनपदवार जन सूचना अधिकारियों एवं प्रथम अपीलीय अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होने यह भी कहा कि इस अधिनियम के माध्यम से जवाबदेही तय करने, भ्रष्टाचार पर अंकुश लागाने, शासन एवं प्रशासन के कार्यो में पारदर्शिता लाने में काफी मदद मिली है। मण्डलायुक्त नीलम अहलावत ने प्रशिक्षण कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि जन सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 प्रभावी होने से जहाॅं कार्यो में पारदर्शिता आई है वहीं दस्तावेजों का रख रखाव भी सुदृढ़ हुआ हैं। श्रीमती अहलावत ने कहा कि शासकीय कार्यों में आरटीआई का सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। उन्होने कहा कि उप्र सूचना का अधिकार नियमावली 2015 इस अधिनियम के सरल ढंग से सम्पादन हेतु मार्ग दर्शन है, इससे कार्यो में तेजी आयेगी। उन्होने कहा कि इस अधिनियम के कारण व्यवस्थाओं में काफी परिवर्तन आया है। उन्होने निर्देश दिया कि जो भी प्रकरण लम्बित हैं उसका निस्तारण तत्काल कराना सुनिश्चित करें। प्रशिक्षण कार्यक्रम में स्टेट रिसोर्स पर्सन डा. राहुल सिंह ने प्रोजेक्टर के माध्यम से जन सूचना का अधिकार के तहत आने वाले सभी बिन्दुओं, निस्तारण प्रक्रिया, बीपीएल के अन्तर्गत आने वाले आवेदकों को सूचना उपलब्ध कराने आदि के सम्बन्ध में विस्तार से बताया। इस दौरान उपस्थित अधिकारियों द्वारा व्यक्त की गयी जिज्ञासाओं को भी दूर किया। इस अवसर पर जिलाधिकारी बलिया गोविन्द राजू एसएन, अपर आयुक्त अनिल कुमार मिश्र व पीके श्रीवास्तव, संयुक्त विकास आयुक्त हीराला, बलिया के मुख्य विकास अधिकारी सन्तोष कुमार, अपर पुलिस अधीक्षक सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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