आजमगढ़: भारतेंदु नाट्य अकादमी, लखनऊ द्वारा विगत एक माह से संचालित प्रस्तुतिपरक नाट्य प्रशिक्षण कार्यशाला के समापन अवसर पर रविवार देर शाम स्थानीय शारदा टॉकिज प्रांगण में फणीश्वर नाथ रेणु की कहानी पर आधारित नाटक पंचलाइट का मंचन सुग्रीव विश्वकर्मा के निर्देशन में किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत अकादमी के सहायक निर्देशक रमेश चन्द्र गुप्ता एवं वरिष्ठ रंगकर्मी अभिषेक पंडित ने दीप प्रज्वलन कर की। पंचलाईट नाटक की कहानी गांव के महतो टोली से जुड़ी हुयी थी। जिसमें पंचायत के लोग एक पंचलाईट खरीद के ले आते है, पर समस्या ये है कि उसे कोई जलाना नही जानता। सिर्फ गांव का एक लड़का गोधन ही उसे जला सकता है। पर उसे पंचायत ने पहले ही जाति निकाला कर दिया है। उस पर इल्जाम है कि वह गांव की लड़कियों को देखकर गीत गाता रहता है। अंत में पंचायत के लोग गोधन को मना कर लाते हैं, उससे सभी माफी मांगते है। इस पर गोधन पंचलाईट जला देता है। इस प्रकार नाटक का सुखद अंत होता है। युवा निर्देशक सुग्रीव विश्वकर्मा के सधे हुये परिकल्पना में यह नाटक रेणु की कहानी को साकार कर गया। मंच की सजावट व प्रकाश परिकल्पना ने नाटक में गवई रंग भी दिया। गोधन की भूमिका में प्रज्जवल चौबे, मुनरी की भूमिका में रीता गुप्ता, ग्रामीण लड़की की भूमिका में काजोल ठाकुर, गोधन की पिता की भूमिका में दिलीप रावत, ग्रामीण की भूमिका में अंगद कश्यप, व ग्रामीण महिला की भूमिका में डा. अलका सिंह का अभिनय सराहनीय रहा। साथ में संदीप कुमार, रितेश अस्थाना, अजय वर्मा, विनय कुमार, रवि चैरसिया, रितेश रंजन, सुनील प्रजापति, अमरजीत विश्वकर्मा ने अपनी-अपनी भूमिका के साथ न्याय किया। अतिथि अभिनेत्री ममता पंडित ने अपने सधे हुये अभिनय से नाटक को गति दिया। इस अवसर पर डा. अमित सिंह, प्रवीण सिंह, डा0 बद्रीनाथ, जितेन्द्र कुमार, डा. आर.डी. सिंह, डा. अलोक मिश्र, डा. ए.के. सिंह समेत गणमान्य लोग उपस्थित रहें।
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