आजमगढ़ : ज़िले में खाद्यान्न वितरण प्रणाली में कोटेदारो की शिकायतों का सिलसिला जारी है जिसके विरोध में सोमवार को भी बिलरियागंज क्षेत्र के ग्रामीणों ने जिलाधिकारी कार्यालय पर जमकर प्रदर्शन किया और कोटेदार की दुकान के लाइसेन्स को निरस्त करने की मांग की।
लोगो को सही समय पर राशन मिले और कोई धांधली न हो इसके लिए सरकार ने ऑनलाइन राशन कार्ड लोगो से भरवाया और जाँच कर लोगो को राशन कार्ड उपलब्ध कराया। बावजूद इसके जगह जगह ग्रामीण कोटेदार पर अपनी मनमानी करने के आरोप लगा रहे हैं । बिलरियागंज ब्लॉक के विजयपार गांव के सैकड़ों ग्रामीण सोमवार को ग्राम प्रधान के नेतत्व में जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे और गांव की सरकारी कोटेदार के खिलाफ मनमाने रवैये का आरोप लगते हुए प्रदर्शन किया। ग्रामीणों का आरोप है कि कोटेदार काफी दबंग है वह अन्त्योदय, एपीएल कार्ड धारको को राशन नही देता है अगर किसी महीने में राशन और तेल देता भी है तो एक से दो किलो कम देता है विरोध करने पर मारपीट पर उतर जाता है।
लोगो का कहना था कि इसकी शिकायत जब अधिकारियों से की गयी तो उन्होने जांच के बाद कोटेदार की दुकान को निलम्बित करने का आदेश दिया लेकिन आज तक कोटे की दुकान निलम्बित नही हुई और कोटेदार अपनी मनमानी से बाज भी नही आ रहा है। जिससे आजिज आकर ग्रामीणों ने जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया और ज़िलाधिकारी को एक ज्ञापन सौंप। वहीं गांव के ग्राम प्रधान जितेन्द्र नाथ सिंह का कहना है कि गांव के कोटे की दुकान को 29 अप्रैल 2016 को निरस्त करने का आदेश दिया गया था लेकिन दुकान निलम्बित नही हुई और मामूली अर्थदंड के बाद दुकान को पुनः बहाल कर दिया गया। जिसके बाद कोटेदार अब विरोध करने वाले ग्रामीणों के साथ मार पीट पर उतारू हो गया है।
लोगो को सही समय पर राशन मिले और कोई धांधली न हो इसके लिए सरकार ने ऑनलाइन राशन कार्ड लोगो से भरवाया और जाँच कर लोगो को राशन कार्ड उपलब्ध कराया। बावजूद इसके जगह जगह ग्रामीण कोटेदार पर अपनी मनमानी करने के आरोप लगा रहे हैं । बिलरियागंज ब्लॉक के विजयपार गांव के सैकड़ों ग्रामीण सोमवार को ग्राम प्रधान के नेतत्व में जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे और गांव की सरकारी कोटेदार के खिलाफ मनमाने रवैये का आरोप लगते हुए प्रदर्शन किया। ग्रामीणों का आरोप है कि कोटेदार काफी दबंग है वह अन्त्योदय, एपीएल कार्ड धारको को राशन नही देता है अगर किसी महीने में राशन और तेल देता भी है तो एक से दो किलो कम देता है विरोध करने पर मारपीट पर उतर जाता है।
लोगो का कहना था कि इसकी शिकायत जब अधिकारियों से की गयी तो उन्होने जांच के बाद कोटेदार की दुकान को निलम्बित करने का आदेश दिया लेकिन आज तक कोटे की दुकान निलम्बित नही हुई और कोटेदार अपनी मनमानी से बाज भी नही आ रहा है। जिससे आजिज आकर ग्रामीणों ने जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया और ज़िलाधिकारी को एक ज्ञापन सौंप। वहीं गांव के ग्राम प्रधान जितेन्द्र नाथ सिंह का कहना है कि गांव के कोटे की दुकान को 29 अप्रैल 2016 को निरस्त करने का आदेश दिया गया था लेकिन दुकान निलम्बित नही हुई और मामूली अर्थदंड के बाद दुकान को पुनः बहाल कर दिया गया। जिसके बाद कोटेदार अब विरोध करने वाले ग्रामीणों के साथ मार पीट पर उतारू हो गया है।

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