आजमगढ़ : अहरौला थाना क्षेत्र में गैरइरादतन हत्या के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश रामकिशोर ने शनिवार को नामजद पांच आरोपियों में से दो को सात वर्ष की कठोर कारावास के साथ प्रत्येक को साढ़े तेरह हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। मुकदमे के अनुसार वादी मुकदमा श्रीराम पुत्र रामगनेश निवासी भुखुड़ी ने स्थानीय थाने में मुकदमा दर्ज कराया कि उसके चाचा हीता पुत्र स्वारथ का बेचई पुत्र संत से दीवानी का मुकदमा चल रहा है। उसी रंजिश को लेकर तीन मार्च 1999 को सुबह लगभग सात बजे हीरा पुत्र नायक कुमार पुत्र सहदेव, विदेशी पुत्र चेतन, गुड्डू पुत्र बेचई, राजेश पुत्र सुभाष एकराय होकर लाठी व चैन से लैस होकर उसके चक पर आए और उसके चाचा हीता को मारने लगे। शोर की आवाज पर उसके पिता रामधनी तथा भाई मोहित चाचा शिवपूजन बचाने आए तो उनको भी मारपीट कर घायल कर दिया। दो दिन बाद सदर अस्पताल में हीता की मृत्यु हो गई। इस मामले में अहरौला थाना पुलिस ने पांच लोगों हीरा, विदेशी, कुमार उर्फ रामकुमार, गुड्डू व राजेश के खिलाफ आरोप पत्र प्रेषित किया। सत्र परीक्षण के दौरान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता विनोद यादव ने बीराम, मोहित, शिवपूजन, सुरेंद्र ¨सह, कल्पनाथ यादव, छेदी प्रसाद, चीफ फार्मासिस्ट शौकत अली खान, डा. निर्मल कुमार श्रीवास्तव, डा. एसपी सिंह को बतौर साक्षी पेश करते हुए अपने तर्कों को रखा। अदालत ने उभय पक्षों के तर्कों को सुनने के बाद आरोपी हीरा व विदेशी को सात वर्ष की सजा के साथ साढ़े तेरह हजार जुर्माना की सजा सुनाई। जबकि आरोपी कुमार उर्फ रामकुमार की मुकदमा के दौरान मृत्यु हो गई थी। आरोपी गुड्डू व राजेश जोनाइल घोषित कर दिए गए।
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