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घाघरा नदी हुई स्थिर, कटान का बना हुआ है भय , ग्रामीण अपने सामानों,पशुओ को लेकर गये सुरक्षित स्थान पर निकले

लाटघाट/आजमगढ़। सगड़ी तहसील के उत्तर दिशा में बहने वाली घाघरा नदी के प्रकोप से भयभीत  होकर ग्रामीण अपने सामानों व पशुओ को उचित स्थानों पर भेजने में लोग लगे हुए है । गौरतलब है की अगर पिछले वर्षों के आंकड़ो को देखें तो घाघरा में प्रभावी बाढ़ अगस्त-सितंबर के समय ही आती है , इस वर्ष मानसून अच्छा होने से मामला समय से पहले ही ख़राब होने की पूरी संभावना प्रतीत होती है। देवराखास राजा गाँव के मुराली के पूरा में कृषि योग्य भूमि को नदी द्वारा हो रही भारी कटान को देख ग्रामीण अपनी भूमि की चिंता में पड़  गए हैं । उनकी आजीविका का मुख्य साधन खेती ही है। चक्की हाजीपुर गांव के लोग सावधानी हेतु अपने सामानों को अन्यत्र ले जाने का कार्य कर रहे है। उनके लिए प्रशासन द्वारा अभी  तक कोई कदम नही उठाया गया है।   विस्थापितों के लिए किसी प्रकार की पहल अब तक नही दिखाई पड़ी। बाढ़ ग्रस्त ग्रामीणों अपने पालतू पशु अब दूसरे स्थानों पर ले जाकर उनकी देखभाल का कार्य कर रहे हैं जहाँ उनको उनको चारे की समस्या से जूझना पड़ रहा है। ग्रामीणों अपने पशु एक साथ लेकर चराने हेतु लाटघाट के पास ले जा कर चरा रहे हैं । वहीँ घाघरा नदी का जल स्तर स्थिर बना हुआ है नदी के जल स्थिर होने से कटान का भय बना हुआ है। नदी रविवार को डिघिया बंधे पर 71.10 मीटर पर शाम से ही स्थिर बनी हुई है जो अभी तक बना हुआ है। बदरहुआ बंधे पर कल शाम का जलस्तर 71.96 मीटर पर अभी भी बना हुआ है।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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