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महंगाई ने सहरी व इफ्तारी का जायका बिगाड़ा

रमजान शुरू होते ही फलों की कीमत आसमान छूने लगी 


मुबारकपुर/आजमगढ़।  सवा लाख आबादी वाला रेशम नगरी व मुस्लिम बुनकर बाहुल्य क्षेत्र मुबारकपुर में महगांई ने रोजेदारों की इफ्तार व सहरी फीकी कर दी है। खाने के सामान की कीमत आसमान छुने से लोगों को की परेसानी बढ़ गयी है।  विशेष कर फलों की कीमत में  भारी  इजाफा ने दस्तर खान का जायका बिगाड़ दिया है परन्तु आम आम आदमी को आम ने काफी हद तक सम्भाल  रखा है।  रमजानुल मुबारक माह के महीने में इस बार सख्त गर्मी में पढ़ने से फल की अधिक खपत होने का अनुमान है। आसमान छु रही फलों की कीमतों  ने सारे  व्यवस्था पर पानी फेर दिया है। सेब जहाँ डेढ से दो सौ रुपए किलो फरोख्त हो रहें है वहीं संतरे सौ से 120 रुपए किलो में ,जबकि केला 40 से 60 रुपए दर्जन तक जा पहुंचा है। पपीता 100 रुपए किलो से उपर है।  मौसम्मी ,अनानास, नीबू व दीगर फलों की कीमत में आग लगी हुई है। ताहम खरबूजा से लोगों को काफी उम्मीद थी परन्तु वह बाजार से नदारद कहीं मिल भी  जाये तो 25 से 30 रुपए किलो मिल रहा है। इसी तरह लीची 80 से 100 रुपए में फरोख्त हो रही है। तरबूजा जो पहले 10 से 15 में प्राप्त होता था अब तरबूजा 30 से 40 रुपए किलो बिक्री हो रहा है। आम रोजेदारों के लिए थोड़ी मदद करता नजर आ रहा है ।  ज्ञात होकि ज्यादा तर लोग इन्ही  तीनों फल की खरीदारी पर अधिक जोर दे रहें हैं। कहा जाता हैकि भीषण  गर्मी के दरमियाँन पानी वाले फलों को लोग इस्तेमाल करना पसंद करते है। यही कारण हैकि रोजेदारो द्वारा  तरबूजा व खरबूजा की खरीदारी पर जोर अधिक दिया जा रहा है।


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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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