डीपीआरओ उमाकांत पाण्डेय ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुये कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के आंकड़ों के अनुसार हैजा, टायफाइड, हेपटाइटिस, पीलिया और दस्त जैसे 80 प्रतिशत रोगों का कारण असुरक्षित पानी और अपर्याप्त स्वच्छता है। इनमें से अधिकांश रोग मल और मुंह के माध्यम से फैलते है जिन्हें स्वच्छता सम्बन्धी तरीके अपनाकर नियंत्रित किया जा सकता है।
खण्ड विकास अधिकारी अमित कुमार यादव ने अपने संबोधन में कहा कि स्वच्छता के प्रति जागरूकता से ही स्वच्छता अभियान को सफल बनाया जा सकता है। मात्र सरकार के भरोसे कोई भी अभियान सफल नहीं हो सकता है, इसमें सभी लोगों का सहयोग आवश्यक है। स्वच्छता को शौचालयों का निर्माण बहुत उपयोगी है , क्योंकि खुले में पड़ा मल रोग संचरण का एक प्रमुख स्रोत है। शौचालय के निर्माण से सम्बन्धित रोगों के प्रसार को नियंत्रित किया जा सकता है। स्वच्छता के लिए स्वास्थ्य सम्बन्धी उपायों को परिभाषित करने के लिये अलग-अलग घटक है जैसे कि पीने के पानी का रख रखाव, बेकार पानी की निकासी, मानव मल का सुरक्षित निपटान, गोबर कचरे का निपटान, व्यक्तिगत स्वच्छता आदि है। खुले में शौच करने से कई तरह की भयंकर बीमारियाॅ पैदा होती है। इसलिये आप जागे और सभी को खुले में शौच करने से होने वाली बीमारियों के विषय में बतायें।
इस अवसर पर क्षेत्र के सफाई कर्मचारी, आंगनबाड़ी कार्यकत्री, प्रेरक, प्रधान आदि को निर्देशित करते हुये कहा कि आज आप सभी यह संकल्प लेे कि खुले में शौच नहीं करेगे और दूसरों को भी खुले में शौच करने से होने वाली बीमारियों के विषय में बताकर उन्हें भी रोकने का प्रयास करेगें। इस अवसर पर मुख्य रूप से जिला कोआर्डिनेटर अमित सिंहा, ग्राम प्रधान मुहम्मद इस्माईलन, अजय कुमार सिंह, संतोष पाण्डेय, आशीष सिंह, संजय मौर्या, ट्रेनर हेना मौर्या आदि सहित भारी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।
अब्दुल्लाह शेख
संवाददाता, सठियांव, आज़मगढ़।
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