आजमगढ़। बीते दिनों मुबाकरपुर में धार्मिक ग्रंथ के बने पत्तल को लेकर बवाल हो गया था। अभी मामला ठंडा हुआ था कि गुरूवार को शहर का कोट मुहल्ला में बवाल होते होते नगर कोतवाल ईशा खान की तत्परता से बच गया । शहर कोतवाल मो.ईशा खां ने सुझबुझ का परिचय देते हुए इस असमंजस का हल निकाल दिया। बताया जाता है कि उक्त दुकान पर बिक रहे कागज के प्लेट पर अरबी के कुछ वाक्य लिखे हुये थे जो बच्चों की शिक्षा से जुडी हुई बाते थी। दुकान पर तैनात कर्मी ने जब ग्राहक को कागज का प्लेट देने के लिए स्टाक में से निकाला तो देखा की प्लेट पर कुछ अरबी में वाक्य लिखा हुआ था। इतने में आस पास के लोगो की भीड़ जुट गई। किसी ने शहर कोतवाल को फोन करके घटना के बारे में बताया । मौके पर पुहंची शहर कोतवाली पुलिस ने कागज के प्लेट व दुकान पर तैनात कर्मी को पूछताछ के लिए कोतवाली लेकर चली आई। जानकारी के अनुसार शहर कोतवाली क्षेत्र के कोट मोहल्ला स्थित एक प्रतिष्ठत बेकर की दुकान में गुरूवार की सुबह दुकान पर एक ग्राहक आया और कुछ समान मांगा जब दुकान पर तैनात कर्मी ने देखा की कागज के प्लेट पर अरबी भाषा में कुछ लिखा हुआ था और उसे जानने के लिए आस पास के लोगो से पूछा तो पता चला कि धार्मिक ग्रंथ नही लिखा हुआ है। लिखा हुआ था शिक्षा से जुडी बच्चों की कहानी व इतिहास । इसकी जानकारी होते ही आस पास के लोगो की भीड़ जुट गई। कुछ लोगो ने दुकान पर तैनात कर्मी से पूछा की कहा से आया है यह प्लेट तो कर्मी ने बताया कि चौक स्थित एक प्रतष्ठित दुकान से लाया गया है। किसी ने इसकी सूचना शहर कोतवाल मो.ईशा खां को दी। सूचना मिलते ही मौके पर पहुचे शहर कोतवाल ने दुकान पर तैनात कर्मी और कागत के पत्तल को लेकर शहर कोतवाली आ गये और मामले की पूछताछ में जुट गये। पुलिस ने चौक पर स्थित एक प्रतिष्ठित दुकानदार से भी पूछताछ किया। इस सबंध में पूछे जाने पर शहर कोतवाल मो.ईशा खां ने बताया कि प्लेट पर अरबी भाषा में कुछ लिखा हुआ था। जो बच्चों की शिक्षा से जुडी हुई बाते साबित हुई थी। उक्त दुकानदार पर तैनात कर्मी को पूछताछ कर छोड़ दिया गया। बाद में कोतवाल ने आम लोगों से अपील की उर्दू या अरबी भाषा में लिखी प्लेट इस्तेमाल न करे और अफवाहों पर ध्यान देने की बजाय पुलिस को किसी भी मामले की सूचना दे जिससे गंगा जमुनी तहज़ीब वाले इस शहर की शांति कायम रहे।
कागज के प्लेट को लेकर हुई बहस , नगर कोतवाल ने दिया सुझ बुझ का परिचय
आजमगढ़। बीते दिनों मुबाकरपुर में धार्मिक ग्रंथ के बने पत्तल को लेकर बवाल हो गया था। अभी मामला ठंडा हुआ था कि गुरूवार को शहर का कोट मुहल्ला में बवाल होते होते नगर कोतवाल ईशा खान की तत्परता से बच गया । शहर कोतवाल मो.ईशा खां ने सुझबुझ का परिचय देते हुए इस असमंजस का हल निकाल दिया। बताया जाता है कि उक्त दुकान पर बिक रहे कागज के प्लेट पर अरबी के कुछ वाक्य लिखे हुये थे जो बच्चों की शिक्षा से जुडी हुई बाते थी। दुकान पर तैनात कर्मी ने जब ग्राहक को कागज का प्लेट देने के लिए स्टाक में से निकाला तो देखा की प्लेट पर कुछ अरबी में वाक्य लिखा हुआ था। इतने में आस पास के लोगो की भीड़ जुट गई। किसी ने शहर कोतवाल को फोन करके घटना के बारे में बताया । मौके पर पुहंची शहर कोतवाली पुलिस ने कागज के प्लेट व दुकान पर तैनात कर्मी को पूछताछ के लिए कोतवाली लेकर चली आई। जानकारी के अनुसार शहर कोतवाली क्षेत्र के कोट मोहल्ला स्थित एक प्रतिष्ठत बेकर की दुकान में गुरूवार की सुबह दुकान पर एक ग्राहक आया और कुछ समान मांगा जब दुकान पर तैनात कर्मी ने देखा की कागज के प्लेट पर अरबी भाषा में कुछ लिखा हुआ था और उसे जानने के लिए आस पास के लोगो से पूछा तो पता चला कि धार्मिक ग्रंथ नही लिखा हुआ है। लिखा हुआ था शिक्षा से जुडी बच्चों की कहानी व इतिहास । इसकी जानकारी होते ही आस पास के लोगो की भीड़ जुट गई। कुछ लोगो ने दुकान पर तैनात कर्मी से पूछा की कहा से आया है यह प्लेट तो कर्मी ने बताया कि चौक स्थित एक प्रतष्ठित दुकान से लाया गया है। किसी ने इसकी सूचना शहर कोतवाल मो.ईशा खां को दी। सूचना मिलते ही मौके पर पहुचे शहर कोतवाल ने दुकान पर तैनात कर्मी और कागत के पत्तल को लेकर शहर कोतवाली आ गये और मामले की पूछताछ में जुट गये। पुलिस ने चौक पर स्थित एक प्रतिष्ठित दुकानदार से भी पूछताछ किया। इस सबंध में पूछे जाने पर शहर कोतवाल मो.ईशा खां ने बताया कि प्लेट पर अरबी भाषा में कुछ लिखा हुआ था। जो बच्चों की शिक्षा से जुडी हुई बाते साबित हुई थी। उक्त दुकानदार पर तैनात कर्मी को पूछताछ कर छोड़ दिया गया। बाद में कोतवाल ने आम लोगों से अपील की उर्दू या अरबी भाषा में लिखी प्लेट इस्तेमाल न करे और अफवाहों पर ध्यान देने की बजाय पुलिस को किसी भी मामले की सूचना दे जिससे गंगा जमुनी तहज़ीब वाले इस शहर की शांति कायम रहे।
Blogger Comment
Facebook Comment