पुण्यतिथि पर जुटे सैकड़ों लोग
आजमगढ़। उर्दू के मशहूर दिवंगत शायर कैफी आजमी की चौदवीं पुण्यतिथि मंगलवार को उनके पैतृक गांव मेजवां स्थित फतेह मंजिल में मनाई गई। इस दौरान उपस्थित लोगो ने उनके प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित किये। वक्ताओ ने स्व. आजमी के कृतित्व और व्यक्तिव पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कैफी आजमी जो कहते थें वही करते थे। उन्होने अपनी क्रांतिकारी लेखनी के माध्यम से अंतिम समय तक सघर्ष किया। कार्यक्रम की शुरूवात नगर पंचायत अध्यक्ष फूलपुर शिवप्रसाद जायसवाल ने दिवंगत शायर कैफी आजमी की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलित कर किया। मिजवां सोसायटी के प्रबन्धक आशुतोष त्रिपाठी ने कहा कि कैफी की करनी और कथनी में कोई अंतर नही था। वह जो कहा करते थे वही करते थे। जिंदगी की जदोजेहाद को बडी ईमानदारी के साथ अपनी शायरी में उतारते थे। उनका मानना था कि सामाजिक परिवर्तन के लिए कला का इस्तेमाल करना चाहिए। नगर पंचायत अध्यक्ष शिवप्रसाद जायसवाल ने कहा कि उन्होने कहा कि सच्ची श्रध्धांजलि तभी होगी जब हम कैफी साहब के बताये हुए रास्ते पर चलेगें। इस दौरान कैफी आजमी गल्स कालेज की छात्राओं ने कैफी की नज्म "प्यार का जश्न नयी तरह मनाना होगा" एंव "कोई तो सूद चुकाए कोई तो जिम्मा ले उस इन्कलाब का आज तक उधार सा है " पेश किया तो लोग भावुक हो गये। फतेह मजिल में स्व, कैफी आजमी के जीवन काल में उनके द्वारा प्रयोग की जाने वाली वस्तुए जैसे शेरवानी, कुर्ता, पायजामा, लोटा, गिलास, छडी, छाता, कलम, चश्मा आदि की प्रदर्शनी लगाई गई थी जिसे लोग काफी उत्सुकता पूर्वक देखां। इस मौके पर मुकेश सिंह, शेख समीना आजमी, सयोंगिता, जीतेन्द पांडेय एडवोकट, सुरेन्द्र प्रजापति थे।
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