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बदलाव के बाद भी चौथा स्तम्भ है पत्रकारिता- राजीव रंजन


आजमगढ़। पत्रकारिता दिवस के अवसर पर विभिन्न  पत्रकार संगठनों द्वारा सोमवार को कार्यक्रमों का आयोजन कर पत्रकारिता की दशा-दिशा आदि पर गहन विचार विमर्श किया गया। शहर के तमसा प्रेस क्लब के सभागार  में वरिष्ठ पत्रकार बनवारी लाल जालान की अध्यक्षता में ''पत्रकारिता तब और अब'' विषयक संगोष्ठी आयोजित की गयी।
बतौर मुख्य अतिथि इलेक्ट्रानिक मीडिया के प्रतिष्ठित पत्रकार राजीव रंजन ने कहा कि पत्रकारिता में समय के अनुरूप काफी बदलाव हुए हैं परन्तु आज भी  वह जन पक्षधर हैं। जनपक्षधरता के बगैर पत्रकारिता का लोकतन्त्र के चौथे स्तम्भ  का सम्मान जाता रहेगा। उन्होंने कहा पत्रकारिता तब भी  जनता की आवाज थी और आज भी  है। विज्ञापन, प्रसार, टी0 आर0 पी0 का दबाव पत्रकारों पर बढ़ा है जो कि जीवित व स्थापित रहने के लिए मजबूरी है।
अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में बनवारी लाल जालान ने पहले समय की पत्रकारिता पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि आज की पत्रकारिता में वर्तमान चकाचौंध में गाँव गरीब, खेत खलिहान की चर्चाएँ व उन पर लेखन न्यून हो गया है।
इस मौके पर प्रवीण सिंह, शिवानन्द सिंह, उबैद, अशोक वर्मा, पवन कुमार, आदि अनेक पत्रकार मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन वैभव  वर्मा ने किया।  इसी क्र म में डी0 ए0 वी0 महाविद्यालय एवं नेहरू हाल में भी  पत्रकारिता दिवस मनाया गया।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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