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गर्मी की मार ने इंसान से लेकर फसलों को प्रभावित करना शुरू कर दिया


आजमगढ़. गर्मी की मार ने इंसान से लेकर फसलों को प्रभावित करना शुरू कर दिया है। बीते तीन दिनों से लगातार बढ़ रहे तापमान के चलते राहगीरों की हलक सूखने लगी है जबकि खेतों में खड़ी गेहूं की फसल का दाना कमजोर हो रहा है। सामान्य से चार डिग्री सेल्सियस उपर पहुंच चुके इस अधिकतम तापमान में लौकी, खीरा, ककड़ी व कुमड़े के फूल भी गिरने की कगार पर हैं। मंगलवार को अधिकतम तापमान 39 डिग्री व न्यूनतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि आर्द्र ता अधिकतम 78 व न्यूनतम 50 फीसद रही। अधिकतम व न्यूनतम तापमान सामान्य से चार डिग्री सेल्सियस अधिक रहे।
उत्तर पश्चिमी हवाओं ने शहरवासियों पर कहर ढाना शुरू कर दिया है। इन शुष्क हवाओं के चलते तीन दिन में पारा तेजी से बढ़ा है। लगातार पारा सामान्य से अधिक है जो कि अप्रैल माह की शुरुआत में ही गर्मी के रिकार्ड तोड़ चुकी है। मंगलवार को दिन निकलने के साथ चलने वाली हवाओं ने राहत पहुंचाई लेकिन दिन चढ़ने के साथ ही गर्मी बढ़ना शुरू हो गई। दोपहर में धूप बर्दाश्त करना मुश्किल हो रहा था। वैज्ञानिक डा. संतोष कमुार बताते हैं कि उत्तर पश्चिमी हवाएं चलने से गर्मी बढ़ रही है। यह हवाएं शुष्क होने के कारण देर से बोई गई गेहूं की फसल के साथ लौकी, ककड़ी व खीरे के लिए भी संकट बन गई हैं।
लौकी, ककड़ी व खीरे की फसल को बचाने के लिए किसानों को इस मौसम में फव्वारे से छिड़काव करने की जरूरत है। जबकि कटने के लिए खेतों में तैयार खड़ी व कट चुकी गेहूं, मटर, सरसों व चने की फसल के लिए यह मौसम मुफीद है। इन फसलों की कटाई व मड़ाई के लिए यह मौसम अच्छा है।  
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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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