आजमगढ़. वन विभाग से अनुबंधित एक फर्जी पौधरोपण कंपनी में कार्यरत लोगों ने क्षेत्र के दर्जनों किसानों को अपना शिकार बनाया और लाखों की रकम समेट कर रातों-रात फरार हो गए। स्वयं को ठगे जाने का एहसास होने पर पीडि़त किसानों ने सोमवार को स्थानीय थाने में जालसाजों के खिलाफ तहरीर दी।
बताते हैं कि बरदह कस्बे में थाने के समीप एक मकान के भूतल पर किराए का कमरा लेकर पौधरोपण कंपनी का बोर्ड लगाकर उसमें कार्यरत पांच की संख्या में रहे सदस्यों ने क्षेत्र के तमाम किसानों को बताया कि उनकी कंपनी वन विभाग से अनुबंधित है। दो माह से उन्होंने अपना कार्य विस्तार फैलाते हुए क्षेत्र के तमाम किसानों को अपने जाल में फंसाया और वृक्षा रोपण के नाम पर किसानों से बकायदा फार्म भरकर आवेदन कराया गया। पौधरोपण के लिए इच्छुक किसानों से कंपनी द्वारा मतदाता पहचान पत्र व आधार कार्ड लेने के बाद उनसे भू-खंड के अनुसार पांच से 20 हजार तक रुपये जमा कराए और किसानों को जमा रकम की रसीद भी दी। जालसाजों ने किसानों के खेत और जमीन का मुआयना भी किया। तमाम किसानों द्वारा उन्हें जल्दी काम निपटाने के लालच में दावत भी दी गई। दावत के साथ किसानों की रकम समेटकर रविवार की रात उक्त फर्जी कंपनी के लोग कार्यालय में मौजूद सामान समेट कर फरार हो गए। सोमवार को कंपनी को बंद देख तमाम किसान मौके पर पहुंचे। कंपनी के कार्यालय को खाली देख सभी के होश उड़ गए। कंपनी के फरार होने की सूचना पर क्षेत्र के सोहौली, जिउली, सरावां सहित तमाम गांव के लोग मौके पर पहुंच गए। इस मामले में जिउली ग्राम निवासी विजय नाथ सिंह, सौरभ व राकेश राय सहित तमाम किसानों ने थानाध्यक्ष से मिलकर उन्हें अपनी पीड़ा से अवगत कराते हुए इस मामले में तहरीर दी। पौध रोपण के नाम पर ठगे गए तमाम प्रतिष्ठित किसान उपहास के भय से अभी सामने नहीं आ रहे हैं और इस मामले में चुप रहने में ही अपनी भलाई समझ रहे हैं। उधर, कंपनी द्वारा ठगे गए किसानों को अब अपनी वोटर आइडी, आधार कार्ड व फोटो के दुरुपयोग का भय सताने लगा है।
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