आजमगढ़: मध्य प्रदेश के आंदोलनरत किसानों पर किये गये गोलीबारी की घटना से क्षुब्ध छात्र सेना के कार्यकर्ताओं द्वारा गुरूवार को नगर के अम्बेडकर पार्क में मुंह पर काली पट्टी बांधकर मौन रख विरोध जताया गया। छात्रसेना प्रमुख राजनरायन यादव ने कहा कि अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत किसानों पर हमला लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत नहीं है। केंद्र व प्रदेश सरकारें किसानों की मांगों को नजर अंदाज कर रही हैं यदि किसान आवाज उठाते है तो उनकी बातों को दबाया जाता है उनकी हत्या करा दी जा रही है। क्या यह आजाद भारत है। छात्रसेना प्रमुख ने मांग किया कि केंद्र व प्रदेश सरकारें जल्द से जल्द किसानों की मांगों को पूरा करे और मृत किसानों के परिजनों को उचित मुआवजा दिया जाये साथ ही पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच करायी जाये। आगे कहा कि किसानों की सुधि लेने के लिए सरकारों के पास समय नहीं है जो निंदनीय है। विडम्बना है कि कृषि प्रधान देश होने के बावजूद किसानों की आवाजें दबायी जा रही है, किसान यही चाहता है कि उसके उपज का सही मूल्य मिलें इसी मांग को लेकर किसान लम्बे अर्से से आंदोलनरत है लेकिन अब तक उनकी आवाज को सभी सरकारों ने अनसुना कर दिया। उन्होंने कहा कि देश के छोटे-बड़े मुद्दे पर मन की बात करने वाले प्रधानमंत्री क्या इस बार किसानों के हक-हकूक पर बात करंगे। संजय, आशीष, अश्वनी राजभर, प्रशांत श्रीवास्तव का कहना है कि जो किसान देशवासियों के लिए अनाज पैदा करता है लेकिन जब वह अपने पेट के हक के लिए आवाज उठाता है तो उस पर गोली चलवाना कष्टकारी है, सरकार पूंजीपतियों को अपनी झोली खोलकर मदद कर रही है लेकिन किसानों की अनदेखी करती है। किसानों के हक के लिए छात्र सेना सदैव आवाज उठाती रहेगी। अंत में छात्र सेना द्वारा किसानों की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखकर गतात्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना किया गया। इस मौके पर धनंजय, सच्चिदानंद, इन्दल, अजय आर्या, जितेन्द्र गुप्ता, शिवम तिवारी, अमन आदि मौजूद रहे।
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